माँ बगलामुखी पीताम्बरी जयंती पूजन से मिलते हैं चमत्कारिक लाभ
देवी बगलामुखी जिन्हें पीताम्बरी माता के नाम से भी जाना जाता है, तंत्र साधना में उत्कृष्ट स्थान रखती हैं. देवी ज्ञान की दस देवी में से एक हैं, जिन्हें दस महाविद्या के नाम से भी जाना जाता है. इन्हें स्तम्भन की देवी के रूप में भी जाना जाता है, जो दुश्मनों को नियंत्रित करने और स्थिर करने की शक्ति रखती हैं. उन्हें एक भयंकर देवी के रूप में चित्रित किया गया है, जो अपने दाहिने हाथ में एक तलवार रखती हैं और अपने बाएं हाथ से एक राक्षस की जीभ खींचती हैं. अपने सुनहरे रंग और पीले कपड़ों के कारण और स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान होने के कारण, उन्हें पीतांबरी देवी के नाम से भी जाना जाता है.
देवी के मंत्र जाप एवं साधना का लाभ जीवन के चहुंमुखी विकास के लिए उत्तम होता है. बगलामुखी जयंती के अवसर पर देश भर के शक्तिपीठों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी का पर्व शक्ति पूजन का शुभ समय माना गया है.
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देवी नकारात्मक शक्तियों का करती हैं नाश
देवी के पास दैत्यों, नकारात्मक शक्तियों, अराजक स्थितियों को नियंत्रित करने और उन्हें अपने पक्ष में करने की अपार शक्ति है. देवी की पूजा करने और उनकी मंत्र साधना करने से भ्रम, अहंकार और इच्छा, क्रोध, लोभ और मोह जैसी दुर्गणों की समाप्ति होती है. शत्रुओं का नाश होता है. नकारात्मक प्रभावों के दुष्प्रभावों को हटाने और दुश्मनों पर जीत हासिल करने के लिए उनकी पूजा बहुत शक्तिशाली मानी जाती है. उनकी पूजा वाद-विवाद में भाग लेने वाले या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए अत्यधिक लाभकारी होती है. धन के नुकसान या समस्याओं का सामना करने वाले लोगों को, व्यापार में नुकसान, कर्ज के मुद्दों, पेशे में बाधाएं, झूठे आरोप, व्यापार में बाधाएं, मुकदमेबाजी की समस्याएं, झूठे अदालती मामलों में उनकी पूजा से अत्यधिक लाभ मिलता है.
दतिया धाम है देवी का प्रसिद्ध धाम
भारत के मध्य प्रदेश राज्य में दतिया शहर में स्थित बगलामुखी धाम जिसे पीताम्बरा पी के नाम से जाना जाता है. इस धाम के साथ कई पौराणिक कथाओं के साथ-साथ अनेकों कथाएं जुड़ी हुई हैं. श्री पीताम्बरा पीठ बगलामुखी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जिसे 1920 के दशक में श्री स्वामी जी द्वारा स्थापित किया गया था. उन्होंने आश्रम के भीतर देवी धूमावती का मंदिर भी स्थापित किया है. धूमावती और बगलामुखी दस महाविद्याओं में से दो हैं, इसके अलावा, आश्रम के बड़े क्षेत्र में अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं.
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बगलामुखी पूजा के लाभ:
शत्रुओं पर विजय सुनिश्चित होती है और उनके बुरे इरादे को नष्ट होते हैं.
मुकदमों, झगड़ों और प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त होती है.
बुरी नजर और काले जादू के प्रभाव को दूर करने हेतु देवी पूजा अत्यंत लाभकारी होती है.
दुर्घटनाओं, बीमारियों और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव होता है.
ऋणों को दूर करने में मदद मिलती है और समृद्धि एवं स्थिरता का आगमन होता है.
समस्त प्रकार के कलेश एव झगड़े शांति होते हैं.
बगलामुखी पूजा बहुत शक्तिशाली पूजा है, इसलिए आदर्श रूप से इसे योग्य पुजारियों या गुरु के मार्गदर्शन में अत्यधिक अनुभवी और योग्य पुजारियों द्वारा फलदायी लाभ के लिए किया जाना चाहिए.बगलामुखी पूजा और यज्ञ और अन्य दस महाविद्या देवियों का पूजन शुभदायक होता है
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