जाप के शुभ फल :-
बगलामुखी जयंती बैसाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या है जिन्हे स्तम्भन की देवी भी माना जाता है। यह देवी अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूरकर उन्हें भयमुक्त करती है। देवी सर्वशक्तिशाली है उनके भय से देवता भी चिंतित हो उठते है। यह देवी विष्णु जी के तेज से संपन्न है जिसके कारण इन्हे वैष्णवी भी कहा जाता है।
बगलामुखी रूप में देवी अपने आलौकिक स्वरुप व सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करती है। वह आसाध्य रोगों का विनाश करने में सक्षम है तथा अपने श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की पीढ़ा नहीं होने देती। देवी का सर्वप्रसिद्ध मंदिर मध्य प्रदेश के नलखेड़ा में स्थित है। यह मंत्रों का उच्चारण भी यही किया जाएगा। इस स्थान पर देवी सिद्धपीठ है एवं यह विश्व के प्राचीन मंदिरों में से एक है।
शास्त्रों की मान्यतों के अनुसार देवी माँ बगलामुखी के जाप से व्यक्ति को भोग व मोक्ष दोनों ही चीज़ों की निश्चित रूप से प्राप्ति होती है। देवी संसार का पालन -पोषण करती है। वह हर प्रकार के कष्ट को दूरकर अपने भक्तों की समस्त समस्याओं का निवारण करती है। देवी की कृपा से आसाध्य रोगों का निवारण होता है,कोर्ट -कचहरी के मुकदमें व अनिश्चित काल से चले आ रहे विवाद से मुक्ति मिलती है। समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है। देवी अपने भक्तों का जीवन खुशियों से भर देती है।
हमारी सेवाएं :-
हमारे पंडित जी द्वारा अनुष्ठान से पहले संकल्प के लिए आपको फोन किया जाएगा तथा अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद प्रसाद भी भिजवाया जाएगा ।
प्रसाद-
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