नवरात्रि में अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं l दिव्य सुगंधित वस्तुओं का अनुभव होता है तथा अनेक प्रकार की आवाज सुनाई देती हैं | यह पल व्यक्ति के लिए अत्यंत सावधान रहने का होते हैं। माँ चंद्रघंटा की कृपा से व्यक्ति के सारे पाप और मुश्किलें खत्म हो जाती हैं | माँ की आराधना हमेशा फल देने वाली होती है। मां चंद्रघंटा भक्तों का कष्ट हरने वाली होती हैं | माँ का वाहन सिंह है | इनकी उपासना शेर की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाती है।
नवरात्रि पर विंध्याचल में कराएं दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ पाएं अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य
माँ के घंटे की आवाज हमेशा अपने भक्तों की प्रेत और बाधाओं से रक्षा करती रहती है। मां का ध्यान करते ही घंटे की आवाज गूंजने लगती है। मां चंद्रघंटा दुष्टों का विनाश सदैव करने के बाद भी उनका स्वरूप दर्शक के लिए अत्यंत सौम्यता एवं शांति में रहता है। माँ चंद्रघंटा की आराधना से प्राप्त होने वाला एक बहुत बड़ा सद्गुण यह भी है कि वह व्यक्ति में वीरता निर्भयता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता का भी विकास होता है। मां चंद्रघंटा के मुख नेत्र तथा संपूर्ण शरीर में कांति गुण वृद्धि होती है।
आवाज में दिव्य अलौकिक माधुर्य का समावेश रहता है। मां चंद्रघंटा के भक्त जहां भी जाते हैं लोग उन्हें देखकर सुख और शांति का अनुभव करते हैं। सादा को अपने मन वचन कर्म तथा काया को विधान के अनुसार पूर्ण शुद्ध करके स्नान करके पवित्र स्थान करके मां चंद्रघंटा को स्थापित करें तथा उनकी उपासना और आराधना करें। मां चंद्रघंटा की उपासना करने से हम संसार के सभी कष्टों से बचे रहते हैं तथा परम पद के अधिकारी बन सकते हैं। हमें हमेशा पवित्र स्थान को ध्यान में रखते हुए पूजा-अर्चना करनी चाहिए तथा हमेशा मां के अग्रसर होने का प्रयास करते रहना चाहिए। मां चंद्रघंटा का ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए परम कल्याणकारी होता है ।
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नवरात्रि से जुड़ी यह कुछ ख़ास बातें नहीं जानतें होंगे आप !