मंगलवार के दिन पंचमुखी संकट मोचन मंदिर में कराएं महाबली हनुमान की पूजा और पाएं शत्रुओं के संकट से मुक्ति
हनुमान जी का शरीर वज्र समान मजबूत है इसलिए ही उन्हें बजरंगबली के नाम से सुशोभित किया गया है। बालपन में हनुमान जी बहुत नटखट थे। एक कथा के अनुसार उन्होंने एक बार सूर्यदेव को आम समझकर ग्रहण करने की चेष्ठा की थी। वाल्मीकि ऋषि द्वारा लिखी गई रामायण के अनुसार पूर्ण रामायण में हनुमान जी का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान था। हनुमान जी का जन्म भी प्रत्येक रूप से राम जी की सहायता के लिए हुआ था। उनकी शक्ति व बल के आगे कोई नहीं टिक सकता है। मान्यताओं के अनुसार वह आज भी पृथ्वी लोक पर ही रहकर अपने भक्तों की रक्षा कर रहे हैं।
काला जादू और नजर दोष दूर करने वाला हनुमत अनुष्ठान
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्तों द्वारा मुख्य रूप से सुन्दरकांड का पाठ किया जाता है। सम्पूर्ण रामायण में सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। रामायण कथा श्री राम के पुरुषार्थ व उनके गुण व पराक्रम गाथा है परन्तु उसका सुंदरकांड भाग एकमात्र ऐसा अध्याय है जिसमें हनुमान जी शक्ति व विजय का व्याख्यान किया गया है। इसके साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। सुंदरकांड के पाठ से व्यक्ति का जीवन सुखमय हो जाता है।
कानूनी लड़ाई में विजय प्राप्त करने के लिए कराएं शत्रु नाशक हनुमंत अनुष्ठान
उसे किसी बुरी शक्ति का भय नहीं रहता। हनुमान जी उस व्यक्ति को बल, बुद्धि व विद्या का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। उसके जीवन के सभी कष्टों को हर लेते हैं व उसे सुखी संसार का भागीदार बनाते हैं। हनुमान जी को मंगलवार के दिन बूंदी का प्रसाद, चमेली का तेल, पीला सिंदूर व पान का पत्ता अर्पण करना चाहिए।
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