गायत्री मंत्र उच्चारण समस्त दुखों और तकलीफों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इस मंत्र के उच्चारण मात्र से ही व्यक्ति के अंदर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं तथा उस व्यक्ति के आस पास सकारात्मकता का एक अदृश्य घेरा सा बन जाता है। इस मंत्र के उच्चारण से व्यक्ति का आत्मविश्वास बहुत ही प्रभावित होता है अर्थात वह सदैव स्फूर्ति के साथ नए कार्य करने में सक्षम होता है और उसके अंदर बाधाओं से लड़ने की शक्ति उत्पन्न होती है।
गायत्री मंत्र का उच्चारण दैवीय माना जाता है जो की अद्भुत फल प्रदान करता है। इसके उच्चारण के साथ-साथ इसका श्रवण भी सभी को ईश्वर के और नजदीक ले जाता है। बहुत से लोग गायत्री मंत्र का सही उच्चारण नहीं जानते, जिसके चलते वे इसके प्रभाव से वंचित रह जाते हैं। गायत्री मंत्र को सही तरह से सही समय पर ही पढ़ना चाहिए। अगर इसका उच्चारण गलत शब्दों के साथ, ठीक समय पर नहीं किया जाता तो इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। गायत्री मंत्र के उच्चारण का सही समय सुबह का समय माना गया है।
प्रातः काल व्यक्ति का मन शांत व पवित्र होता है इस समय गायत्री मंत्र का उच्चारण बहुत असरदार साबित होता है। गायत्री मंत्र के उच्चारण से व्यक्ति का जीवन सफलता की ओर बढ़ने लगता है तथा उसका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है। सूर्योदय के समय शुद्ध होकर शांत मन से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए इससे सभी विपदाओं का नाश होता है। गायत्री मंत्र मानव शरीर को स्थिर व संतुलित रखने में भी सहायक होता है।
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