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जानिए कब मनाई जाएगी कालाष्टमी , अपने भय को दूर करने के लिए कीजिए श्री काल भैरव की साधना

my jyotish expert Updated 30 Jul 2021 10:59 PM IST
कालाष्टमी
कालाष्टमी - फोटो : google
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Kalashtami 2021 Date - हमारे सनातन धर्म (Eternal Religion)  में कई तरह के देवी देवताओं (God Goddess)  की पूजा (Worship)  करने का विधि विधान है। आपको हर तरह की परेशानियों (Troubles)  से जल्द ही निकाल कर बाहर लाने वाले देवता का नाम भगवान भगवान भैरव (Bhairava) है। भगवान भैरव भोलेनाथ का अवतार माने जाते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति पर भगवान भैरव की कृपा हो तो उसके जीवन का बड़े से बड़ा संकट (Problem)  टल जाता है।

 भगवान भैरव की इस अष्टमी को कालाष्टमी व  एक और नाम काला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।  हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के समय ही इसे मनाया जाता है। भगवान कालभैरव के भक्तगण (Devotee)  वर्ष (Year) की सभी कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा - आराधना करते है और उनके लिए व्रत (Fast) भी रखते हैं।

कालाअष्टमी के दिन भगवान शिव के स्वरूप श्री काल भैरव भगवान की पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar)  के अनुसार , डर (Fear)  को दूर करने वाले भगवान श्री काल भैरव की पावन तिथि कालाष्टमी इस वर्ष 31 जुलाई (July)  2021,  दिन शनिवार (Saturday)  को पड़ रही है। भगवान भैरव के रुद्रायमल तंत्र में 64 अवतार (Avatar)  बताए जाते हैं लेकिन भगवान काल भैरव और भगवान बटुक भैरव की लोग ज्यादातर पूजा अर्चना करते हैं। इस कलयुग में भगवान श्री काल भैरव की साधना व्यक्ति के सभी प्रकार के भय और राहु केतु से जुड़े कष्टों  (Sufferings) को दूर करती है।
 
जानिए किस दिन और किस विधि से भगवान श्री भैरव की पूजा अर्चना की जाएगी कालाष्टमी को
 

कालाअष्टमी के दिन भगवान श्री भैरव का पूजन

ज्यादातर कई लोग इस भ्रम (Confusion) में रहते हैं कि भगवान श्री भैरव एक उग्र (Angry ) देवता है इसलिए उनकी साधना नहीं करते। आपको बता दें कि  यह बात एकदम गलत है। दरअसल भगवान श्री भैरव की दोनों तरह की साधना होती है एक  उग्र और दूसरी सात्विक। जिसमें उग्र साधना वाममार्गी होती है, ज्यादातर लोग भगवान भैरव की सात्विक साधना ही करते हैं। वैसे भगवान श्री भैरव की कृपा दृष्टि पाने के लिए आप किसी भी दिन भगवान श्री भैरव के नाम का जप ,पूजन और आराधना कर सकते हैं। लेकिन रविवार (Sunday)  के दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है। और कालाष्टमी भगवान श्री  भैरव की पूजा के लिए बहुत विशेष मानी जाती है। इस दिन आप भगवान श्री भैरव की विधि विधान से पूजा अर्चना ( Worship)  करें।
 

कालाअष्टमी के दिन भगवान श्री भैरव पूजा में इन मंत्रों का जाप करें-

 
ॐ कालभैरवाय नमः ।
ॐ भयहरण च भैरवः ।
ॐ भ्रां कालभैरवाय फट् ।
ॐ ह्लीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय  ह्लीं ।
 
जो व्यक्ति भगवान श्री भैरव की सच्चे मन से आराधना करते है भगवान श्री भैरव अपने भक्तो की सभी प्रकार की  समस्याओं को दूर कर देते है।

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 शत्रुओं से बचने के लिया  उपाय

अगर आपको हर समय अपने शत्रुओं  (Enemies) का खतरा (Risk)  रहता है तो आप के लिए भगवान श्री भैरव की साधना संजीवनी जैसा काम करेगी। शत्रुओं के भय को समाप्त करने के लिए आपको भगवान श्री बटुक भैरव  की पूजा करनी चाहिए।
 

परेशानियों से बाहर निकलने के लिए उपाय

अगर आप भी अपनी जिंदगी (Life)  में किसी प्रकार की परेशनी से जूझ रहे हो तो इसे में आपको भगवान श्री भैरव साधना करनी चाहिए। भगवान श्री भैरव की कृपा से आपकी सभी परेशानियां जल्द (Soon)  ही समाप्त (End)  हो जाती है। इसी वजह से भगवान भैरव के बटुक भैरव रूप को 'आपदुद्धारक' कहते है।
 

राहु केतु के कष्ट दूर करने के लिए उपाय

ज्योतिष शास्त्र (Astrology)  के मुताबिक ,  राहु और केतु के  द्वारा दिए गए कष्टों को दूर करने के लिए  भगवान श्री भैरव की आराधना करना बहुत फलदायी (Fruitful) माना जाता है। यदि आपकी कुंडली में राहु और केतु  अशुभ  (Inauspicious) फल दे रहे है तो आप उनकी इस अशुभ दशा से खुद को बचाने के लिए भगवान भैरव की साधना करे।

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