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जानिेए, नागपंचमी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और कुछ अनोखी मान्यताएं

my jyotish expert Updated 30 Jul 2021 04:30 PM IST
नागपंचमी
नागपंचमी - फोटो : google
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हिंदू धर्म में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागमंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और इस दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष नागपंचमी 13 अगस्त को शुक्रवार के दिन पड़ रही है। नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने के साथ साथ महादेव का रुद्राभिषेक किया जाए तो वो भी अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं ऐसा करने से व्यक्ति को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके जीवन से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
एक पौराणिक कथा के अनुसार नागपंचमी का त्यौहार कृष्ण भगवान से संबंधित है। कहते हैं कि एक बार बाल कृष्ण अपने मित्रों के साथ खेल रहे थें और तब उनकी गेंद एक नदी में गिर गई। गेंद को नदी में गिरता देख श्री कृष्ण भी नदी में कूद गए। उस नदी में कालिया नामक एक नाग रहता था। श्री कृष्ण के पानी ने छलांग लगाते ही कालिया ने उनपर आक्रमण कर दिया। जब कालिया नाग को ये पता चला कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं तो उसने उनसे क्षमा मांगते है ये वचन लिया कि वो अब किसी भी व्यक्ति को कोई हानि नहीं पहुंचाएगा। कहते हैं इस दिन को ही नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त नागपंचमी और नागों से जुड़ी और भी कई तथ्य एवं मान्यताएं हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो तथ्य और मान्यताएं।
  • माता मनसा देवी को नाग देवता की बहन माना जाता है।
  • महादेव के गले में सदैव एक नाग सुशोभित होते हैं उन्हें वासुकि के नाम से जाना जाता है।
  • कहते हैं बड़े नाग भगवान शिव का अवतार होते हैं।
  • ऐसे ही विष्णु भगवान भी सदैव शेषनाग की शैय्या पर लेटते हैं।
  • श्री राम के भाई लक्ष्मण जी और श्री कृष्ण के भाई बलराम जी को शेषनाग का अवतार माना जाता है।
  • नाग देवता की माता का नाम कद्रू तथा पिता का नाम कश्यप बताया जाता है।
  • नाग और सर्प में अंतर बताया जाता है। कहते हैं कि कश्यप की रानी कद्रू से सभी नाग देवों का जन्म हुआ था। वहीं दूसरी ओर कश्यप की दूसरी रानी क्रोधवशा ने सर्पों, बिच्छुओं एवं अन्य ज़हरीले जंतुओं को जन्म दिया।
  • द्वापर युग में राजकुमार अर्जुन ने पाताल लोक में उलूपी नामक एक विधवा नागकन्या से विवाह किया था।
  • खांडववन में जब आग लगी थी तब वहां कुछ जीव बच गए थे जिसमे से अश्वसेन नामक एक नाग भी था। ये बाद में पांडुपुत्र अर्जुन से बदला लेने वापस आया था।
  • वास्तु शास्त्र की बात करें तो मकान या घर की नींव में चांदी या सोने से निर्मित नाग रखा जाए तो वो काफ़ी शुभ माना जाता है।
  • पुराणों के अनुसार मान्यता है कि नागों के पास नागमणि होती है।
  • मान्यता है कि नागलोक पाताल लोक में ही था और यहां पर सभी नाग मानव के स्वरूप में रहते थें।
  • कहते हैं कि दुनिया में इच्छाधारी नाग भी होते हैं जो अपनी इच्छा अनुसार मनुष्य का रूप ले सकते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि नाग या नागिन को नुकसान पहुंचाने से वो आपसे बदला लेने वापस आते हैं।
  • नागों की स्मरण रखने की शक्ति अन्य जीवों से ज़्यादा होती है।
  • ऐसा भी माना जाता है कि अगर कोई नाग 100 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है तो उसे उड़ने कि शक्ति प्राप्त होती है।
  • कहा जाता है कि नाग खुद का बिल नहीं बनाया करते हैं अपितु चूहों के बनाए गए बिल में वास करते हैं।
  • नाग का एक मुखी होना आवश्यक नहीं है। ये बहुमुखी भी होते हैं।
  • कहते हैं जब भी कोई प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप या कुछ और आने वाला होता है तो इसका आभास सर्वप्रथम नागों को ही होता है।
  • नाग संगीत सुनकर अपने आप को रोक नहीं पाते और झूमने लग जाते हैं। ख़ासतौर से बीन की धुन पर।
  • नागों को मारना हिंदू धर्म में पाप के समान माना जाता है।
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