देवी-देवताओं की आरती से पहले जान ले जरूरी नियम
हमारा हिंदू धर्म लगभग 24 हजार वर्ष पुराना हैं । अपना सनातन धर्म वैदिक काल के पहले का माना जाता है क्योंकि इससे पहले वेदों की रचना अलग–अलग काल में माना जाता है। ऐसा माना जाता है की वेदों की सबसे पहले रचना ऋग्वेद काल में हुआ है ।ऋग्वेद का काल लगभग 1500–1000 के समय का है । और विद्वानों ने वेदों की रचना का आरंभ लगभग 2000 ईसवी बताई है । आरती की महत्ता की जानकारी हमको सबसे पहले स्कन्द पुराण में वर्णित मिलती है ।
आरती करने के अपने नियम होते है जो हमेशा सही तरीके से करना चाहिए । आरती के समय बहुत सी बाते का ध्यान भी रखना पड़ता है । आरती हमारे पूजा को पूरा करता है ।जो भी हम पूजा के दौरान कुछ गलत होता है वो हमारे आरती से पूरा हो जाता । आइए जाने आरती करने के कुछ नियम:
* आरती करने का सबसे पहला नियम की आरती की प्लेट साफ हो , दीपक खंडित ना हो , दीपक की रोज सफाई हो । कहने का मतलब की पूरी अच्छी तरह से साफ– सफाई का ध्यान रखना चाहिए ।
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* सब देवी देवताओं के पूजा करने के नियम अगल होते है ठीक वैसे ही आरती के भी अपने – अपने अलग नियम होते है । जैसे – विष्णु जी के आरती के दौरान आरती थाल में पीला पुष्प ,देवी या हनुमान जी के आरती के समय थाल में लाल पुष्प , शिव जी की आरती के समय थाल में पुष्प के साथ – साथ बेल पत्र भी , और गणेश जी की आरती की थाल में पुष्प और दूर्वा भी रहना चाहिए ।
* आरती करने के अपने अलग तरीके होते है की कैसे और कितनी बार करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है की आरती सबसे पहले भगवान के चरण को चार बार , फिर नाभि को दो बार और अंत में एक बार मुख को दिखाना चाहिए।
* आरती कभी भी बैठ कर नहीं करनी चाहिए ।भगवान की आरती करने के बाद आरती की थाल को लोटे की जल से दो बार घुमा कर गिराए ,फिर भगवान को आरती देकर खुद लेने के बाद सब घर को दे ।
* आरती हमको कभी भी बाए हाथ से नहीं करनी चाहिए। आरती करने का सही तरीका बाए हाथ से होता है । जब कोई भी व्यक्ती आरती कर रहा हो तो उस समय आरती के ऊपर हाथ नहीं लगाना चाहिए । आरती को पूर्ण होने के बाद ही आप आरती ले ।
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* आरती हमें स्वच्छ मन और स्वच्छ तन से करनी चाहिए। आरती के समय कपड़े साफ– सुथरे होने चाहिए। आरती करने के दौरान सिर खुला नहीं रखना चाहिए ।सिर पर दुप्पटा या रुमाल रखना सही है ।
* वैसे देखा जाए तो आजकल हर घर में तुलसी होती ही है । चाहे आंगन हो , बालकनी हो , या छत हो (अपने सुविधानुसार) पर होती ही है,और कहते है की आरती तुलसी की पूजा के बिना अधूरा होता है। तुलसी जी के पास हमेशा सफाई रखे और उनके पास शुद्ध देशी घी का दीपक जलाएं ।
इससे आपके घर में खुशहाली बनी रहेगी ।
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