हनुमान जंयती इस बार 27 अप्रैल यानी मंगलवार को पड़ रही है। हनुमान जयंती को पूरे देश में घूमधाम से मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म में एक पावन त्यौहार के रूप में चैत्र माह में मनाया जाता है। बता दें कि इस दिन भगवान हनुमान जी का जन्म हुआ था। कहां जाता है कि आज के समय में भी हनुमान जी को सबसे प्रभाव शील माना गया है यह भी मान्यता है कि इन के दर्शन मात्र से ही भूत पर्ते निकट नहीं आते और हर बिगड़े काम मिनटों में बन जाते है।
हनुमान जयंती के दिन हिंदू धर्म में कुछ लोग व्रत भी रखते है। कहा जाता है कि ये बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इन्हे जनेऊ भी पहनाई जाती है। सिंदूर और चांदी का वर्क हनुमानजी की मूर्ति पर चढाने से हर मनोकामना पुरी होती है।
यह भी कहां जाता है कि भगवान राम की लम्बी उम्र के लिए एक बार हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर चढ़ा लिया था और इसी कारण भक्त उन्हें चोला भी कहते है ।
हनुमान जयंती 2021 पूजा मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 26 अप्रैल 2021 की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समापन - 27 अप्रैल 2021 की रात्रि 9 बजकर 01 मिनट पर
शनि साढ़े साती पूजा - Shani Sade Sati Puja Online
हनुमान जयंती का महत्व-
हनुमान जयंती के दिन जगह-जगह भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है। भक्त हनुमान जी के मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि इस जो भक्त हनुमान जी की भक्ति और दर्शन करता है, उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं।
क्यों नाम पड़ा हनुमान-
वायुपुराण में एक श्लोक वर्णित है- आश्विनस्या सितेपक्षे स्वात्यां भौमे च मारुतिः। मेष लग्ने जनागर्भात स्वयं जातो हरः शिवः।। यानी- भगवान हनुमान का जन्म कृष्ण पक्ष चतुर्दशी मंगलवार को स्वाति नक्षत्र की मेष लग्न और तुला राशि में हुआ था। हनुमान जी बाल्यकाल से ही तरह-तरह की लीलाएं करते थे। एक दिन उन्हें ज्यादा भूख लगी तो सूर्य को एक फल समझकर उसे अपने मुंह में भर लिया। जिसके कारण पूरे संसार में अंधेरा छा गया। इसे विपत्ति समझकर इंद्र भगवान ने हनुमान जी पर व्रज से प्रहार किया। इसके प्रभाव से उनकी ठोड़ी टेढ़ी हो गई। यही वजह है कि इनका नाम हनुमान पड़ा।
ये भी पढ़े :
हनुमान के वो गुण जिससे कर सकते हैं आप अपने व्यक्तित्व का विकास
क्या कोरोना वायरस का कहर कम होने वाला है? जानें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार
कौन थी माता पार्वती और भगवान शिव की तीन बेटियां, जानिए इसकी कथा