शनिवार का दिन न्याय प्रिय देव शनि का होता है जिनके न्याय चक्र का सामना सभी को कभी न कभी करना ही पड़ता है । शनि देव एक ऐसे देवता माने जाते हैं ।
जो जहाँ अपने भक्तो को उनकी गलतियों पर दण्ड देते हैं तो वही दूसरी ओर उनके अच्छे कामों के लिए उन्हें फल भी देते हैं।
जिन से भगवान शनि देव क्रोधित हो जाते हैं उन पर शनि देव का साढ़े साती शुरू हो जाता है और उसमें उन्हें अनेक तरह के कष्टों को सामना करना पड़ता है।
वैसे तो शनिवार केवल शनि देव का माना जाता है किन्तु वो इसके अलावा ओर भैरवनाथ का भी दिन माना जाता है।
आज हम जानेगें किन पांच काम को करके मिलेंगे पांच तरह के फायदे।
ये पांच कार्य करें :
1. शनिवार को व्रत करें।
2. छाया दान करें।
3. विभूति, भस्म या लाल चंदन लगाएं।
4. सुंदरकांड या बजरंगबाण पढ़े।
5. शमी के वृक्ष में जल चढाएं।
शर्त : शराब पीना, मांस मटन खाना, जुआ खेलना, पराई स्त्री पर नजर रखना, गरीब, मेहतर, अंधे, अपंग, महिला, कमजोर या असहाय लोगों का शोषण करना या कष्ट देना, कुत्ते, गाय और कौवे को सताना, माता पिता को कष्ट देना वर्जित है तो ही फायदा होगा।
पांच फायदे :
1. कुंडली में शनि सातवें भाव या ग्यारहवें भाव में या शनि मकर, कुंभ और तुला में है तो कोई बात नहीं परंतु इसके अलावा किसी भाव में है तो शनिवार का उपवास करना चाहिए। इससे नीच का शनि पीड़ा नहीं देता है और लगातार उपवास करने से सभी तरह के पाप मिट जाते हैं। शनि यदि कुंडली में सूर्य या केतु के साथ स्थिति है तो भी आपको शनिवार के उपवास करना चाहिए। यदि आप बुरा कार्य और बुरे कर्म करते हैं और अब सुधरना चाहते हैं तो आपको शनिवार के उपाय के साथ ही शनिवार का व्रत रखना चाहिए।
2. शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही है या किसी भी प्रकार से शनि नीच होकर पीड़ा दे रहा है तो शनिवार को छाया दान करना चाहिए। इससे लाभ मिलेगा।
शनि साढ़े साती पूजा - Shani Sade Sati Puja Online
3. माथे पर विभूति, भस्म या लाल चंदन लगाने से गुरु का साथ मिलता है तो शनि के अच्छे फल मिलना प्रारंभ हो जाते हैं। किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होती है। सफलता मिलती रहती है।
4. कुंडली में पितृदोष हो तो नित्य हनुमान चालीसा पढ़ें और शनिवार के दिन शनिवार का उपवास रखते हुए सुंदरकांड या बजरंगबाण का पाठ करने से लाभ मिलेगा। यदि आप जीवन में किसी तरह से भी मृत्यु तुल्य कष्ट नहीं चाहते हैं तो शनिवार को हनुमान आराधना जरूर करें।
5.शमी के वृक्ष को साक्षात शनिदेव माना जाता है। इस पेड़ में जल चढ़ाना या इसकी देखरेख करने से भगवान शनिदेव की प्रसन्न होते है
अन्य जानकारी शनि देव को प्रसन्न करने के लिए
इस दिन इन चीजों का दान करना चाहिए
- इस दिन काली चीजें जैसे जूता, सरसों, काली उड़द दाल आदि दान करना काफी शुभ माना जाता है. दान करने वाली किसी भी वस्तु को घर में ना लाएं उसे पूरा का पूरा दान कर दें ।
शनि त्रयोदशी का महत्व हम इसे समझ सकते हैं कि इसका व्रत रखने से न सिर्फ व्यक्ति के सभी दोष खत्म होते हैं बल्कि उस पर शनि की कृपा रहते हैं इसे करनी से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं ।
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