चैत्र माह की शुरुआत और इसी दौरान नवरात्रि पर्व में लोग माता की भक्ति के साथ-साथ साल भर निरोगी रहने व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नीम के ताजे कोमल पत्तों का इस्तमाल करते हैं। ग्रामीणों के द्वारा नीम की पत्तियों का रस का रोज एक गिलास सेवन प्रतिदिन पूरे चैत्र मास के दौरान किया जाता है। ऐसा करना लोगों के जीवन का हिस्सा भी है।
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देश के विभिन्न शहरों में चैत्र माह के शुरू होने के बाद शरीर की शक्ति और बीमारियों से लड़ने की ताकत को बढ़ाने के लिए लोग नीम के रस का सेवन करना शुरू कर देते हैं। नीम का पत्ता सेहत के लिए बहुत ही अच्छा और असरदार माना जाता है। इससे शरीर के अंदर जमी सारी गन्दगी साफ़ हो जाती है और सेवनकर्ता को ताजगी और ख़ुशी के भाव का अनुभव होता है।
लोगों का मानना है की नीम एक हैंडवाश के रूप में भी काम करता है। यह बाजार में बिकने वाले ज़्यदातर कीटनाशकों से बेहतर साबित होता है। प्राचीन आर्य ऋषियों से लेकर आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान नीम के औषधीय गुणों को मानता चला आया है। नीम व्यापक स्तर पर पूरे भारत में दिखाई देता है।
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