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चैत्र मास में नीम के सेवन से दूर होगा हर रोग

My Jyotish Expert Updated 22 Mar 2020 01:34 AM IST
Every disease will be eliminated by the use of neem in Chaitra month
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होली के दूसरे दिन से शुरू होने वाला चैत्र का महीना व्यक्ति के स्वास्थ्य को लेकर हिन्दू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मान्यताओं के अनुसार इस महीने में ही सृष्टि का निर्माण शुरू हुआ था। पंचांग की गणना भी इसी महीने से शुरू होती है तथा इस महीने में ही सभी ऋतुओं और ग्रहों का सम्मलेन। इन दिनों सूर्य मीन राशि में होने के कारण खरमास भी लगा होता है। इसलिए शास्त्रों के अनुसार इस महीने में खान - पान को लेकर सतर्कता बरतने के लिए कहा जाता है।


चैत्र माह की शुरुआत और इसी दौरान नवरात्रि पर्व में लोग माता की भक्ति के साथ-साथ साल भर निरोगी रहने व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नीम के ताजे कोमल पत्तों का इस्तमाल करते हैं। ग्रामीणों के द्वारा नीम की पत्तियों का रस का रोज एक गिलास सेवन प्रतिदिन पूरे चैत्र मास के दौरान किया जाता है। ऐसा करना लोगों के जीवन का हिस्सा भी है।

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देश के विभिन्न शहरों में चैत्र माह के शुरू होने के बाद शरीर की शक्ति और बीमारियों से लड़ने की ताकत को बढ़ाने के लिए लोग नीम के रस का सेवन करना शुरू कर देते हैं। नीम का पत्ता सेहत के लिए बहुत ही अच्छा और असरदार माना जाता है। इससे शरीर के अंदर जमी सारी गन्दगी साफ़ हो जाती है और सेवनकर्ता को ताजगी और ख़ुशी के भाव का अनुभव होता है।
लोगों का मानना है की नीम एक हैंडवाश के रूप में भी काम करता है। यह बाजार में बिकने वाले ज़्यदातर कीटनाशकों से बेहतर साबित होता है। प्राचीन आर्य ऋषियों से लेकर आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान नीम के औषधीय गुणों को मानता चला आया है। नीम व्यापक स्तर पर पूरे भारत में दिखाई देता है।

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