घर बैठें श्राद्ध माह में कराएं विशेष पूजा, मिलेगा समस्त पूर्वजों का आशीर्वाद
वास्तु शास्त्र के हिसाब से देखा जाए तो रसोई के लिए सबसे सही जगह दक्षिण पूर्व 'आग्नेय कोण' है, अगर किसी वजह से यहाँ पर रसोई बनाना संभव ना हों तो वैकल्पिक दिशा के तौर पर उत्तर पश्चिम में रसोई का निर्माण कराएं। वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई के लिए कुछ जगह बिल्कुल भी ठीक नहीं मानी जातीं, जैसे उत्तर पूर्व दक्षिण पश्चिम दिशा में रसोई का निर्माण नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही उत्तर दिशा में भी रसोई का निर्माण बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि मध्य पश्चिम और पश्चिमी दक्षिण में भी रसोई का निर्माण न करें,अगर दक्षिणी दिशा में रसोई का निर्माण करवाया गया है तो चूल्हा पूर्वी दिशा में ही रखना चाहिए।
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 01 सितम्बर - 17 सितम्बर 2020
- पीने का पानी उत्तर पूर्व दिशा में रखें।
- सिंक को उत्तर पश्चिमी दिशा में रखना बेहतर रहता है।
- रसोई में काले रंग के ग्रेनाइट का इस्तेमाल न करें। उनके जगह पर हरा, महरून या फिर सफेद रंग के पत्थरों का इस्तेमाल करें।
- खाना बनाते वक़्त पूर्व दिशा की ओर मुंह करना सबसे बेहतर रहता है। इस दिशा को सबसे महत्वपूर्ण माना गया हैं।
- रसोई में अगर फ्रिज रखा गया हो तो उसे उत्तर-पश्चिमी दिशा में रखा जा सकता है।
- कोशिश यह करनी चाहिए कि सिंक और चूल्हा एक ही प्लेटफार्म पर न रखा हों।
- यह भी ध्यान रखें कि खिड़की के नीचे चूल्हा न रखा हों।
- चूल्हे के ऊपर किसी तरह का शेल्फ भी उचित नहीं समझा जाता।
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