मकान जिसे हम घर भी कहते हैं जिसमें बाहर से आया हुआ हर व्यक्ति अपने आप को सुरक्षित समझता है जिसमे प्रवेश मात्र से लोगों के दिन भर की थकान खत्म हो जाती है तो चलिए आज जानते हैं मकान के बारे में कि कब बन पाएगा मकान और किस टाइप का मकान बनेगा कहने का अर्थ है की (फ्लैट बंगला सामान्य स्तर का मकान कॉलोनी का मकान आदि) क्योंकि कहा जाता है जिस किस्मत ने मकान सुख लिया होता है वैसा ही मिलता है ।
तो चलिए आज जानते मकान से जुड़ी कुछ समस्याओं के बारे में:
घर या मकान कि जब समस्या होती है तो इसके बिना जीना अधूरा सा लगता है घर छोटा हो या बड़ा लेकिन अपना जब होता है तो उसका महत्व केवल उसका मालिक है जान सकता है आप बेशक फाइव स्टार होटलों में घूम ले लेकिन जब आप वहां से घूम के आएंगे तो असली थकावट आपके अपने घर में ही मिटेगी मकान एक ऐसी चीज है जिसकी रूपरेखा भी हम खुद ही तैयार करते हैं तथा उसकी एक-एक ईटों की इमारत में हमारे सपने बसते हैं ।
कुंडली का चौथा भाव, चौथा भाव स्वामी मकान का है तो मंगल मकान सुख का ग्रह है जब कुंडली का चौथा भाव भावेश पीड़ित अवस्था में होता है तब मकान सुख की दिक्कतै अर्थात समस्याएं बनी रहती हैं और जब मकान योंग अच्छे होते हैं मतलब चौथा भाव चौथे भाव का स्वामी अच्छी शुभ स्थिति में किसी राजयोग में शुभ योगों में होगा और मकान/ जमीन का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह मंगल अच्छी स्थिति में कुंडली में बैठा है तब मकान बन जाता है और उस व्यक्ति को अपने मकान का सुख मिल जाता है ।
किस व्यक्ति को किस प्रकार का मकान मिलेगा अर्थात सरल शब्दों में कहा जाए तो उसे फ्लैट मिलेगा बांग्ला मिलेगा यह सामान्य रूप से कॉलोनी के मकान मिलेंगे यह सभी उसके कुंडली के चौथे भाव भावेश की स्थिति कितने शुभ और अनुकूल है इस बात पर निर्भर करेगा जितना ज्यादा शुभ और अनुकूल होगा उसी अनुसार उसका मकान हो पाएगा ।
तो चलिए अब कुछ उदाहरणों के सहित समझते हैं किस को किस प्रकार के मकान प्राप्त होंगे
उदाहरण अनुसार मेष लग्न:
मेष लग्न में चौथे भाव का स्वामी चंद्र है चौथे भाव स्वामी के मकान सुख कारक मंगल के साथ बलवान स्थिति में हो जाता है तो उस व्यक्ति का मकान फ्लैट अच्छी स्थिति वाला बनता है साथ हीं गुरु शुक्र सूर्य यह ग्रह कोठी बंगला टाइप मकान देते हैं यदि अब यहां मंगल चंद्र के संबंध में बलवान सूर्य गुरु या शुक्र का भी संबंध बने और पाप या अशुभ ग्रहों, अशुभ योगों का प्रभाव चौथे भाव पर नहीं है तब बंगला कोठी टाइप मकान बनेगा बाकी निर्भर करेगा जातक जाति किस टाइप का चाहते हैं ।
उदाहरण दूसरा मिथुन लग्न
मिथुन लग्न में लग्नेश बुध चौथे भाव का स्वामी है और बुध बलवान होकर सूर्य गुरु जैसे ग्रहों के साथ संबंध में है और मंगल की स्थिति अच्छी है तब अनुकूल मकान सुख मिलेगा चौथा भाव और चौथे भाव स्वामी बुध किसी राजयोग में है जैसे शुक्र शनि के साथ राजयोग में होगा और मंगल बलवान स्थिति में है तब मनोअनुकूल जैसा मकान चाहेंगे वैसा बनेगा या हो जाएगा । अब हम आपको अपने तीसरे उदाहरण से यह बताएंगे कि कब और किस कारण बड़े मकान का सुख कई लोगों के कुंडली में नहीं होता है उनके कारण यह है ।
शनि राहु यह छोटे मकान के कारक ग्रह है तो गुरु शुक्र सूर्य मंगल बड़े मकान के ग्रह है ।
उदाहरण तीसरा मकर लगना:
यह चौथे भाव स्वामी स्वयं मंगल है अब मंगल यहां गुरु शुक्र बुध या बलवान सूर्य जैसे ग्रहों के प्रभाव में है तब बड़ा मकान यदि शनि राहु केतु की दृष्टि चौथे भाव भावेश मंगल पर है तब मकान छोटे बनेंगे इसी तरह चौथे भाव भावेश और मंगल की स्थिति अनुसार मनुकूल अपनी पसंद का मकान है और यह थोड़े कमजोर या सामान्य स्थिति में है तब सामान्य मकान सुख होगा और यदि मकान सुख के योग नहीं है तब मकान सुख बहुत मुश्किल होता है ऐसी स्थिति में उपाय करके ही मकान सुख मिल सकता है ।
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