ईशान कोण क्यों मानी जाती है सबसे पवित्र दिशा
वास्तु शास्त्र को ज्योतिषशास्त्र में महत्वपूर्ण माना जाता है। घर में आने वाली परेशानियों के उपाय वास्तु शास्त्र में बहुत ही आसानी से मिल जाते हैं और उन्हें करने से घर में आ रही परेशानियां दूर हो जाती है। वास्तुशास्त्र में दिशाएं मानी गई है उत्तर, पूर्व, दक्षिण, पश्चिम, आगेन्य कोण, नैऋत्य कोण वायव्य कोण और ईशान कोण। इन सभी दिशाओं में से ईशान कोण सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह सबसे पवित्र दिशा है। आज हम आपको इसी से जुड़ी कुछ बातें बताएंगे
जमीन के उत्तर पूर्व कोने को ईशान कोण कहा जाता है। यह भगवान शिव की दिशा मानी जाती है। धरती पर इसी दिशा में सभी देवी देवताओं का निवास होता है। इसीलिए यह सबसे पवित्र दिशा मानी गई है।
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अब बात करते हैं कि घर का ईशान कोण कैसा होना चाहिए।
यदि आप अपने घर के ईशान कोण में जल का प्रबंध करते हैं तो यह बहुत ही उत्तम रहता है। जल के प्रबंधन के लिए आप इस दिशा में हैंडपंप भी लगवा सकते हैं या फिर आप मटके में पानी भरकर भी रख सकते हैं। इस दिशा में जल की स्थापना करना शुभ रहता है।
ईशान कौन सबसे पवित्र दिशा मानी गई है इस दिशा में सभी देवी देवताओं का वास होता है तो ऐसे में यदि आप अपने घर का पूजा घर इसी दिशा में स्थापित करते हैं तो यह बहुत ही शुभ फलदायी होता है। इस दिशा में पूजा घर बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
संभव हो तो आप अपने घर का मुख्य द्वार इसी दिशा में बनवाएं। यह दिशा घर के मुख्यद्वार के लिए शुभ मानी जाती है। ईशान मुखी घर बहुत ही उत्तम माने जाते हैं।
तिजोरी रखने के लिए भी ईशान कोण की दिशा बहुत अच्छी मानी गई है। मान्यता है कि यदि घर की तिजोरी उत्तर ईशान कोण में रखी जाती है तो घर की कन्या अधिक बुद्धिमान और प्रसिद्ध बनती है वही यदि घर की तिजोरी पूर्व ईशान कोण में रखी जाती है तो घर का पुत्र अधिक बुद्धिमान और प्रसिद्ध बनता है।
इस दिशा की साफ सफाई का खासा ध्यान रखना चाहिए। इस दिशा में कभी भी बेमतलब का कचरा इकट्ठा कर कर ना रखें और इसे हमेशा साफ स्वच्छ और पवित्र रखें।
यह तो बात हुई कि इस दिशा में क्या क्या रखा जा सकता है या क्या क्या बनाया जा सकता है परंतु कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें इस दिशा में ना ही रखना चाहिए और ना ही बनाना चाहिए जानते हैं क्या है वह चीजें।
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सबसे पहले बात करते हैं बेडरूम की, इस दिशा में बैडरूम बनाना उत्तम नहीं माना जाता है। क्योंकि शादीशुदा जोड़ों के लिए यह दिशा उत्तम नही मानी जाती है। यदि ऐसे में इस दिशा में अपना बेडरूम बनवाते हैं तो आपके और आपके पार्टनर के बीच तनाव बना रहता है। यह तनाव शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों में हो सकता है। ईशान कोण में ज्यादा लम्बा तक ज्यादा लंबे समय तक सोना स्वास्थ्य पर असर डालता है।
ईशान कोण में कभी भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए। यह सबसे पवित्र दिशा मानी गई है ऐसे में यदि आप शौचालय बनवाते हैं तो यह आपके लिए वास्तु दोष का कारण भी बन सकता है। इसलिए ईशान कोण में शौचालय बनवाने से बचें।
ईशान कोण से जुड़ी कुछ विशेष बाते जो ध्यान में रखें
ईशान दिशा उत्तर और पूर्व दिशा के बीच स्थित होती है। इस दिशा के स्वामी भगवान बृहस्पति माने गए हैं इसलिए इस दिशा में पीले रंग का उपयोग अधिक करें। यह दिशा सबसे पवित्र दिशा होती है इसलिए इसे हमेशा साफ रखें। इस दिशा में पूजा घर बनाने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। यदि इस दिशा में तिजोरी रखते हैं तो धन में वृद्धि होती है। यदि आपके घर का मुख्य द्वार ईशान कोण में मौजूद होता है तो घर मे कभी भी नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं हो पाता है।
यदि आपके घर में ईशान कोण दोष उत्पन्न हो गया है तो आपको इस दिशा को खाली करके इस दिशा में पीतल के बर्तन में जल भरकर रखना चाहिए। पीतल के बर्तन में जो आपने जल भरा है उसे नित्य बदलते रहे। आप चाहें तो इस दिशा का दोष मिटाने के लिए इस दिशा में तुलसी का पौधा भी लगा सकते हैं। तुलसी के पौधे का पूर्ण रूप से रख रखाव करें और रोज़ जल दें। साथ ही इस कोने को शुद्ध और साफ सुथरा रखें यह उपाय करने से ईशान कोण के दोष दूर होते है।
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