भगवान से बढ़कर , एक प्रेमी और सखा है श्री कृष्ण
अधिकतर लोग श्री कृष्ण को भगवान कम और एक मित्र , एक दोस्त और एक सखा ज्यादा माना करते हैं । श्री कृष्ण कभी भी किसी भक्तों के भगवान नहीं बने । हमेशा से ही एक मित्र के रुप में साथ दिया है । इसीलिए भारत में उन्हें हमेशा से ही मित्रता का महत्व दिया जाता है । अब चाहे वो सुधामा हो या अर्जुन हो या फिर हो कलिकाल में भक्त माधव दास और श्री कृष्ण की मीरा । श्री कृष्ण ने इन सभी के जीवन में एक दोस्त का फर्ज अदा किया है । यही नहीं श्री कृष्ण अपने भक्तों के सखा और गुरु भी है । वह प्रेमी और सखा बनकर लोगों को गुरु ज्ञान देते हैं । श्री कृष्ण के हजारों साखाओं की कहानियां के जानने के बाद यह भेद खुल जाता है ।
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