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जानिए बुधवार के व्रत का महत्व और विधि विधान क्या होता है?

my jyotish expert Updated 25 Aug 2021 09:45 AM IST
budhvaar ka vrat
budhvaar ka vrat - फोटो : google
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अगर आप भी बुधवार है का व्रत रखने के बारे में सोच रहे हैं तो इससे जुड़ी सभी बातें मालूम होनी जरूरी है। बुधवार को व्रत गणेश को समर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि किसी भी अच्छे काम की शुरुआत करने से पहले भगवान गणेश को खोजो जाता है इसलिए हिंदू घर में और जो तू शास्त्र में शादी कहां जाता है कि भगवान गणेश के व्रत को ज़रूर करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति बुधवार के दिन व्रत रखता है और भगवान गणेश की पूजा अर्चना करता है और घर में कलेश नहीं होता और जीवन में सुख समृद्धि को रुप से छाई होती है। इसलिए अगर आप भी भगवान करे कि कृपा अपने ऊपर बरसा चाहते हैं तो बुधवार को व्रत रखकर भगवान गणेश को खुश करें। बुधवार का भटकाने से आपके रुके हुए कब से जल्द से जल्द वापस आ जाते हैं और अब आपको किसी से पैसे लेने हैं या मिल नही रहे हैं तो आपको बुधवार का व्रत जरूर रखना चाहिए। आइए अब जानते हैं बुधवार से व्रत की कथा और उससे जुड़ी पूजन विधि-

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बुधवार के व्रत का विधि विधान : 

अगर आप अपने घर की शांति और सुख समाधि चाहते हैं तो आपको बुधवार का वध जरूर रखना चाहिए। इस व्रत में दिन में एक ही बार भोजन किया जाता है। इस व्रत के दिन हरी वस्तुओं का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। इस व्रत के अंत में भगवान शिव और गणेश की पूजा करनी चाहिए। 

बुधवार व्रत की कथा : 

एक समय की बात है जब एक पति अपनी पत्नी को लेकर ससुराल गया था ताकि उसकी विदाई करवाई जा सके और वहां कुछ दिन रहने के बाद उसने उसके सास ससुर से अपनी पत्नी की विदाई के लिए कहा लेकिन सबने कहा कि आज बुधवार है इसलिए कहीं नहीं जाया जाता है। लेकिन वह व्यक्ति नहीं माना और जिद्द पकड़ कर बैठ गया कि वह बुधवार के दिन हुई अपने पत्नी को विदा कर के घर ले जाएगा। उसने अपनी जिद्द पूरी की और अपनी पत्नी को लेकर चला गया। रास्ते में उसकी पत्नी को प्यास लगी तो वह पानी लेने गया और जगह वापस आया तो उसने देखा कि उसके पत्नी के साथ सुबह उसके जैसा ही व्यक्ति बैठा हुआ है और वह उसे देकर आश्चर्यचकित रह गया।
उसने अपनी पत्नी के साथ सच में बैठे हुए व्यक्ति से पूछा कि वह कौन है जो कि पत्नी के निकट बैठा है और उनकी ऐसे हिम्मत कैसे हुई। तो दूसरे व्यक्ति ने कहा कि वह उसकी पत्नी है और उसे अभी उसके मायके से विदा करवाकर ला रहा हूं। वे दोनों ही व्यक्ति एक दूसरे से झगड़ने लगे। तभी राज्य के कुछ सिपाही आए और पानी लाने वाले व्यक्ति को पकड़ने लगे। जब पत्नी से पूछा गया कि उसका असली पति कौन सा है तो उसने कुछ नहीं कहा क्योंकि वह खुद असमंजस में थी कि दोनों एक जैसे दिखने वाले व्यक्तियों में से उसका पति कौन सा है। 

अब जब पत्नी ने कुछ नहीं कहा तो वह व्यक्ति भगवान से प्रार्थना करता है कि हे भगवान, यह क्या विचित्र लीला है कि सच्चा आज झूठा बन रहा है। तभी अचानक से आकाशवाणी हुई और उस आवाज ने उस व्यक्ति से कहा कि , " ए मूर्ख , आज बुधवार के दिन है और इस दिन गमन करना अच्छा नहीं होता है लेकिन तूने किसी की बात नहीं सुनी और ये विचित्र लीला नहीं तेरे कर्मों का फल है जो बुद्धदेव भगवान ने तुझे दिया है।" उस व्यक्ति ने फौरन भगवान बुद्धदेव से प्रार्थना की और अपनी गलती के लिए माफी मांगी। तब जाकर भगवान बुद्ध देव ने उसको आशीर्वाद दिया और दूसरा उसका हमशक्ल व्यक्ति गायब हो गया। फिर वह अपनी पत्नी को घर लाया व दोनों पति पत्नी ने नियम के साथ भगवान बुद्ध की पूजा की। उस दिन से जो व्यक्ति इस कथा को सुनता है या किसी को सुनाता है उसको बुधवार को कहीं गमन करने का पाप नहीं लगता और उसे हर प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।

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