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देवगुरु बृहस्पति की इस राशि से हटेगी शनि की साढ़े साती

my jyotish expert Updated 24 Aug 2021 09:03 PM IST
shani sadhesati
shani sadhesati - फोटो : google
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वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय प्रिय देवता माना जाता है। कहा जाता है कि शनि दिन जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वालों को शुभ और गलत कामों को करने वालों को दंडित करते हैं। शनि की मेष राशि नीच और तुला उच्च राशि मानी जाती है। हर व्यक्ति को जीवनकाल में एक बार शनि की साढ़े साती का सामना करना पड़ता है।  

शनि हर ढाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। शनि का एक चक्र करबी 30 साल में पूरा होता है। शनि के राशि परिवर्तन करते ही गुरु ग्रह के स्वामित्व वाली एक राशि से शनि की साढ़े साती हटेगी और दूसरी राशि पर शुरू हो जाएगी।

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Shani Sade Sati 2022:-         
                                        शनि का राशि परिवर्तन हर ढाई साल में होता है। इस तरह से शनि अपना राशि चक्र लगभग 30 साल में पूरा करते हैं। ज्योतिष अनुसार शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। शनि जब भी राशि बदलते हैं तो इसका प्रभाव एक साथ 5 राशियों के लोगों पर पड़ता है। शनि अभी मकर राशि में गोचर हैं लेकिन साल 2022 से ये कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे। जानिए शनि के राशि परिवर्तन से किस राशि 
वालों पर शुरू हो जायेगी शनि की साढ़े साती।

शनि नाम की राशि - 
                          Shani naam आराध्य देव माना जाता है। कुम्भ राशि के शनि नाम के लड़कों की उत्तेजना और परिसंचरण को यूरेनस ग्रह द्वारा नियंत्रित किया जाता है। जब वातावरण गुलाबी ठण्डक से भर उठता है उस मौसम में इन शनि नाम के लड़कों का आगमन होता है। कुंभ राशि के शनि नाम के लड़कों को गुस्सा अधिक आता है। इस राशि के शनि नाम के लड़के अंगों में सूजन, गठिया, अस्थमा और हृदय रोगों से पीड़ित हो सकते हैं। इस शनि नाम के लड़कों में बुद्धि, ऊर्जा और प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती और ये डोरसों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इन्हें दोस्ती करना पसंद होता है।

शनि की साढ़े साती का प्रभाव-

शनि की साढ़े साती का असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है। कहा जाता है कि शनि की महादशा का असर कुंभ, मकर, धनु और मीन राशि वालों पर कम पड़ता है। जबकि अन्य राशियां ज्यादा प्रभावित होती हैं। शनि की साढ़े साती से पीड़ित जातकों को शारीरिक, आर्थिक और मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।

शनि उपाय-

शनि दोष से पीड़ित राशि वालों को हर शनिवार शनिदेव के मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप करना चाहिए। शनिवार को सुबह स्नान आदि करके पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र या 'ॐ नमः शिवाय' का जाप और सुंदरकाण्ड का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए।

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