शनिः
सूर्य के पुत्र शनि का जातक की कुंडली में विशेष महत्व होता है। शनि ग्रह किसी राशि में ढाई और साढ़े सात सालों के लिए विचरण करते हैं। ये कर्मफल दाता की भूमिका निभाते हुए जातक को उसके द्वारा किए गए शुभ-अशुभ कर्मों का फल देते हैं। उच्च ग्रह में विचरण करते समय शनि अंत में अच्छा परिणाम देते हैं। इस अवधि में व्यक्ति को दरिद्रों से प्रेम करना चाहिए तथा विशेष तिथियों पर पूजन करना चाहिए।
शनि ग्रह का राशि परिवर्तन इस प्रकार हैः-
मकर से कुंभ- 29 अप्रैल 2022 (शुक्रवार) 12:20
कुंभ से मीन- 29 मार्च 2025 (शनिवार) 23:02
शनि अमावस्या पर कोकिलावन शनि धाम में चढ़ाएं 11 किलों तेल और पाएं अष्टम शनि ,शनि की ढैय्या एवं साढ़े - साती के प्रकोप से छुटकारा