हर व्यक्ति का जीवन ग्रह, नक्षत्रों की चाल से प्रभावित होता है। यही व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इन नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपायों को संग्रहित कर एक पुस्तक लिखी गई है, जिसे
लाल किताब कहा जाता है। कभी कभी जीवन में ऐसी स्थिति हो जाती है जब हर तरफ परेशानियां घेर लेती हैं, कुछ भी समझ नही आता है बनते काम बिगड़ने लगते हैं भारी नुकसान होने लगता है इन सबका प्रमुख कारण ग्रह नक्षत्रों का अशुभ प्रभाव होता है। लाल किताब के उपायों से इन अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है। इसके टोटकों से व्यक्ति के जीवन को सुखी किया जा सकता है। इसका निर्माण कब किया, किसने किया इसके कोई प्रबल प्रमाण नही हैं। मान्यता है कि पंडित रूपचंद जोशी ने इसे 1939 से 1942 के बीच पांच खण्डों में इसे प्रभावित किया। इसके मिले अंश फ़ारसी, अरबी में थे जिससे माना जाता है ये मुगलकाल की रचना है। ये फलित ज्योतिष का रूप है इसके उपाय इतने सुलभ और प्रभावी हैं जिसे व्यक्ति आसानी से उनका पालन कर सकता है। इसके उपाय सस्ते और आसान हैं। इसमें ज्योतिष विद्या के साथ हस्तरेखा विज्ञान भी है। इसके टोटकों को लगभग 43 दिन तक करने को कहा जाता है, कुछ चीजों को पानी में विसर्जित कर उपायों का पालन किया जाता है। जब से ये किताब आई है तब से आसान माध्यम से लाखों लोगों की परेशानियों का हल हो पा रहा है। लोगों के जीवन में आसान उपायों से सुधार आ रहा है।
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021