Lord Vishnu Puja on Thursday - विष्णुपुराण के अनुसार भगवान विष्णु जगत के पालनहार(nurturer) है। मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी का पूरे विधि-विधान से पूजा करें तो जीवन की समस्त संकटों का निवारण होता है तथा धन की कभी कमी नहीं होती। पौराणिक कथाओं के अनुसार गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा "क्यों"(why)की जाती है, इससे संबंधित(related) दो मत है, पहला मत के अनुसार पक्षीराज गरुड़ ने इसी दिन कठोर तपस्या कर जगत पालनहार(nurturer)भगवान विष्णु को प्रसन्न किया था। जिसके परिणाम स्वरुप भगवान विष्णु जी ने "पक्षीराज"(king of birds)को अपना वाहन स्वीकार कर लिया। गुरुवार का शाब्दिक अर्थ होता "भारी(heavy)" और पक्षियों में सबसे भारी पक्षीराज गरुड़ है पक्षीराज की सफल तपस्या के कारण ही गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित(dedicated) है।
दूसरे मत के अनुसार देव गुरु बृहस्पति ने भी इसी दिन अपनी तपस्या से भगवान जी को प्रसन्न कर उनका अनुग्रह(grace)प्राप्त किया था। तब से लेकर आज तक गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है।
इसलिए भक्तों को गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करना चाहिए। संभव(possible)हो तो अविवाहित स्त्री(unmarried woman) गुरुवार के दिन उपवास जरूर रखे, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जो भी अविवाहित स्त्री(unmarried woman) गुरुवार के दिन उपवास रखकर विष्णु जी का ध्यान लगाती है, उन्हें भगवान विष्णु जी के जैसा ही शांत स्वभाव वाले "पति"(husband) की प्राप्ति होती है।
आइए देखते हैं कि हम गुरुवार के दिन कैसे पूजा करें, जिसे भगवान विष्णु की दया(grace) प्राप्त हो:
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