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क्या है शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा, जानें कब होगा शनि का राशि परिवर्तन

Drishti Gupta my jyotish expert Updated Wed, 23 Jun 2021 05:14 PM IST
shani sade sati
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क्या होती है शनि की साढ़ेसाती
भारतीय ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नवग्रहों में से एक ग्रह, शनि की साढ़े सात वर्ष चलने वाली एक प्रकार की ग्रह दशा को साढ़ेसाती कहते हैं। ज्योतिष एवं खगोलशास्त्र के नियमानुसार सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते रहते हैं। इस प्रकार जब शनि ग्रह लग्न से बारहवीं राशि में प्रवेश करता है तो उस विशेष राशि से अगली दो राशि में गुजरते हुए अपना समय चक्र पूरा करता है। शनि के धीमी गति से चलने के कारण यह ग्रह एक राशि में लगभग ढाई वर्ष की यात्रा करता है।
कुंडली में एक राशि 30 डिग्री की होती है। जातक की कुण्डली में चंद्रमा जिस राशि में जिस डिग्री पर बैठा हो उससे 45 डिग्री पहले में जब गोचर का शनि आता है तो शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है। यह 45 डिग्री के दायरे में आने के साथ शुरू होती है और चंद्रमा से आगे निकलकर 45 डिग्री दूर चली जाए, तब तक चलती है। 
शनि के किसी राशि में प्रवेश करने से पहले उस राशि पर ढाई साल तक, राशि में प्रवेश करने पर ढाई वर्ष और उस राशि को छोड़ कर दूसरे राशि में प्रवेश करने पर ढाई साल तक प्रभाव डालता है। यानी कि कुल मिला कर एक राशि पर शनि का प्रभाव साढ़े सात साल तक होता है। जिस वजह से इसे शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है।


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