• उत्पन्ना एकादशी में दशमी तिथि के दिन शाम को दातुन करे लें। इसके बाद फिर रात में कोई भोजन ना करें।
• रात को भगवान का स्वरूप याद करके सोए।
• उत्पन्ना एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान कर लें। फिर संकल्प लेकर निर्जला व्रत रखें।
• व्रत के दिन विष्णु भगवान की पूजा करें। उनको पूजा में दीपक, धूप और नाना प्रकार की सामग्रियां चढ़ाकर उनको प्रसन्न करें।
• इस दिन हमें अपने बुरे विचार का त्याग कर देना चाहिए और सात्विक भाव अपना लेना चाहिए।
• रात को विष्णु भगवान के नाम से दीपदान करें और आरती या भजन गाकर जागरण करें।
दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में