Sawan Shivratri Ke Upay - सावन माह में मनाई जाने वाली शिवरात्रि का दिन सभी शिव भक्तों के लिए विशेष रुप से महत्वपुर्ण होता है. इस दोरान कांवड़ यात्रा से लाए गए जल द्वारा भगवान शिव का अभिषेक संपन्न होता है. भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर शिवरात्रि अत्यंत ही उत्साह एवं श्रद्धा द्वारा संपन्न होता है. शिवरतरि के अवसर पर देश भर में उत्साह और उमंद देखने को मिलती है. दूर दूर से श्रद्धालु गंगाजल लेकर शिवालयों में पहुंचते हैं और भगवान का अभिषेक संपूर्ण करते हैं. सावन शिवरात्रि के अवसर देश भर के धार्मिक स्थलों पर मेलों क अभी आयोजन होता है ओर साथ ही धार्मिक कर्म काण्ड इत्यादि भी इस शुभ दिन पर संपन्न किए जाते हैं. इस दिन भगवान शिव के भक्त, दिन भर का उपवास रखते हैं, पूजा पाठ करते हैं शिव मंत्रों का उच्चारण करते हुए पूजन करते हैं. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव के जन्म से लेकर नीलकंठ की कथा और देवी पार्वती के विवाह तक, को शिवरात्रि से जोड़ा गया है. इसके पीछे कई कहानियां और मान्यताएं हैं. हिंदू धर्म के अनुसार, यह भी माना जाता है कि इस रात शिव ने संरक्षण, निर्माण और विनाश का नृत्य किया था, हालाँकि, कुछ के अनुसार महा शिवरात्रि एक वो समय जब भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने हेतु विष का पान किया और नीलकंठ कहलाए उसी विष की जलन को शांत करने हेतु भक्त भगवान पर जल का अभिषेक करते हैं और अपनी श्रद्धा को आदि देव शिव भगवान के प्रति समर्पित करते हैं
शिव जी को भूल कर भी ना चढ़ाये ये वस्तुएँ, बनना पड़ सकता है क्रोध का भागी