पृथ्वी (Earth) पर शिव जी (Lord Shiva) के बारह ज्योतिर्लिंग (12) बारह (Jyotirlinga) है, और ( 12) बारह ही राशि और (12) बारह ही लगन है। क्या आप जानते हैं व्यक्ति का स्वभाव (Nature) उसके व्यवहार (Behaviour) को तय करता है? ज्योतिष (Astrologer) की मानें तो घर (Home) का माहौल (Atmosphere) तो व्यक्ति के व्यवहार का दर्पण होता ही है । साथ ही उसके ग्रह व्यवहार पर काफी असर करते हैं। नवजात शिशु जन्म लेता है ,तव 12 राशियों में से एक राशि पूर्व दिशा में स्थित रहती है उसी को लग्न कहते हैं । शास्त्र अनुसार लग्न में कोई भी राशि हो सकते हैं जो राशि लग्न में होती है वही उसका व्यवहार दर्शाती है । अगर लग्नेश त्रिकोण (1,4,7,10,5,9 )तो स्वास्थ्य (Health) पर अच्छा असर रहता है साथ ही इससे व्यक्ति का व्यवहार और व्यक्तित्व आकर्षित बनता है। आयु वृद्धि, स्वास्थ्य और धन लाभ भी दिखता है । लग्न से जातक की आत्मा, उसका व्यवहार, उसके मूल सब जाने जा सकते हैं । यह भी देखा गया है अगर लग्न मजबूत (Strong) होता है, तो हर चीज अच्छे से रहती है और अगर कहीं कुंडली में लग्न खराब हो तब ज्योतिष सबसे पहले कोई पूजा (Worship) या धार्मिक कार्य (Religion work) से उसका उपचार करते हैं। हर व्यक्ति की जन्म कुंडली में 12 प्रकार के भाव होते हैं । क्या कहें 12 घर होते हैं इनमें से चार मुख्य रूप से देखे जाते हैं- पहला- लग्न ,चतुर्थ -सुख, सप्तम -स्त्री और दशम -उसक व्यापार । अब हम जानते हैं, ज्योतिर्लिंग के बारे में ज्योतिर्लिंग -'ज्योति' शब्द से मिला है । ज्योति अर्थात 'उजाला '। अगर हम शिव महापुराण से देखें तो एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी की बहस छिड़ गई थी, दोनों में से कौन श्रेष्ठ है यह विषय था । तब भोलेनाथ ने अपनी ज्योत से तीन लोक का निर्माण किया और एक शिवलिंग प्रकट हुआ जिसकी ज्योत बहुत तेज थी । भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग कुछ इस प्रकार हैं- सोमनाथ जो कि गुजरात में स्थित है , मलिकार्जुन आंध्र प्रदेश में, महाकालेश्वर मध्यप्रदेश में, ओमकारेश्वर मध्यप्रदेश में, केदारनाथ उत्तराखंड में भीम शंकरा महाराष्ट्र, त्र्यंबकेश्वर महाराष्ट्र , रामेश्वरम चेन्नई, नागेश्वर काशी विश्वनाथ ,जेतेश्वर मुख्य है।
अब हम जानेंगे कौन सी ज्योतिर्लि लिंग किस राशि के लिए शुभ रहेगी -
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