बुराई के दस सिर
विजयादशमी / दशहरा (Dussehra) पर्व पर रावण का पुतला जलाने की परंपरा है। रावण अहंकार का प्रतीक है, रावण अनैतिकता का प्रतीक है, रावण शक्ति और शक्ति के दुरुपयोग का प्रतीक है। और रावण भगवान से वैराग्य का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार रावण के दस सिर दस बुराइयों के प्रतीक हैं। इसे काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, वासना, भ्रष्टाचार, अनैतिकता और दसवें अहंकार का प्रतीक माना जाता है। इन नकारात्मक भावों से रावण भी प्रभावित हुआ और इसी कारण ज्ञान और श्री के धनी होते हुए भी उसका नाश हो गया।
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