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• वर्ष 2021 में दशहरे की तिथि और मुहूर्त
15 अक्टूबर शुक्रवार को मनाया जाएगा।
विजय का शुभ मुहूर्त - 02:01 PM से 02:47 PM
अपर्णा पूजा का शुभ समय – 01:15 PM से 03:33 PM
दशमी तिथि प्रारंभ का समय – 14 अक्टूबर 06:52 PM
दशमी तिथि समाप्त का समय – 15 अक्टूबर 06:02 PM
श्रवण नक्षत्र प्रारंभ का समय – 14 अक्टूबर 09:36 AM
श्रवण नक्षत्र समाप्त का समय – 15 अक्टूबर 09:16 AM
• दशहरे का महत्व
हमारे देश में हर वर्ष दशहरे का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। तथा इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग कारणों से मनाया जाता है। कुछ लोग इसे बिजॉय दशमी के रूप में भी मनाते हैं। तथा कई जगहों पर यह त्यौहार दुर्गा पूजा के अंत के रूप में भी मनाया जाता है। लोग इस त्यौहार को राक्षस महिषासुर शायरी मां दुर्गा की जीत के रूप में मनाते हैं। जिसमें देवताओं को बहुत तंग किया था। तथा साथ में मां दुर्गा, माता लक्ष्मी जी, माता सरस्वती जी, भगवान गणेश जी और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति को लेकर जुलूस संगीत और मंत्र उच्चारण के साथ उन्हों का जलाशय में विसर्जन कर उन्हें विदाई दी जाती है। और विवाहित महिलाएं एक दूसरे को बधाई देती है तथा एक दूसरे के माथे पर सिंदूर लगाते हैं और लोग अभिवादन का आदान-प्रदान भी करते हैं। तथा कुछ राज्य में दशहरे का त्यौहार इस रूप में मनाया जाता है कि इस त्यौहार को रावण पर भगवान श्री राम जी के जीत के रूप में मनाते हैं तथा रावण के पुतले, जो बुराई का प्रतीक है तथा साथ में मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले को भी आतिशबाजी के साथ जलाया जाता है। तथा इस अवसर पर पांडव अर्जुन ने अपनी भारी संख्या सैनिकों के साथ मिलकर सभी क्रूर योद्धाओं को हराया था। और दशहरे के दिन देवी अपराजिता की पूजा भी की जाती है। तथा साथ ही दशहरे के दिन शमी पूजा का भी एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान किया जाता है। चाचा साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह अनुष्ठान अपराह्न के समय करना चाहिए। और दशहरे के दिन लोग अपने स्तनों की भी पूजा करते हैं। तथा दशहरे को रोशनी का त्योहार भी माना जाता है क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों लगाते हैं तथा घरों में घी के दीपक जलाए जाते हैं।
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