myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Vijay dashmi significance Dusshera pujan vidhi tithi mahatva

जानिए विजयदशमी का महत्व व पूजन विधि और क्यों की जाती है इस दिन शस्त्र पूजा

My jyotish expert Updated 12 Oct 2021 03:39 PM IST
Vijay dashmi significance
Vijay dashmi significance - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन
वैदिक काल से आज तक जो चार उत्सव-त्योहार भारतीय समाज में जीवित हैं, उनमें विजयदशमी भी एक है। विजयदशमी यानि दशहरा का पर्व हर साल देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, क्या आप जानते हैं कि इस दिन को कई जगहों पर आयुधपूजा या शस्त्र पूजा के नाम भी जाना जाता है। जैसे तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में इसे आयुध पुजाई के नाम से अस्त्र-शस्त्र का पूजन किया जाता है। इसके अलावा केरल, उड़ीसा, कर्नाटक राज्यों में मनाया जाता है। महाराष्ट्र में आयुध पूजा को खंडे नवमी के रूप में मनाया जाता है। यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश अन्य जगहों पर शस्त्र पूजन के रूप में जाना जाता है।

नवरात्रि स्पेशल - 7 दिन, 7 शक्तिपीठ में श्रृंगार पूजा : 7 - 13 अक्टूबर

हर कोई इस पर्व का इंतजार बेसब्री से करता है, हर बार यह पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में कई लोगों के मन में ये प्रश्न उठना स्वाभाविक बात है कि जब यह दशहरे का दिन है तो इस दिन शस्त्र पूजा क्यों की जाती है। तो ऐसे में आज इस दौरान की जाने वाली शस्त्र पूजा के कारण के बारे में बता रहे है। दरअसल शस्त्र पूजा नवरात्रि का एक अभिन्न अंग माना जाता है, इस दिन सभी अस्त्र-शस्त्र की पूजा करने की परंपरा है। भारत में नवरात्रि के अंतिम दिन अस्त्र पूजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

-: दशहरे का किया हैं, महत्व 

• वाल्मीकि रामायण में श्रीराम ने किष्किंधा (महाराष्ट्र) के ऋष्यमूक पर्वत पर चातुर्मास अनुष्ठान किया था। श्रीराम का यह अनुष्ठान आषाढी पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि तक चला था। इसके ठीक तुरंत बाद विजया दशमी को श्रीराम ने अनुज लक्ष्मण, वानरपति सुग्रीव और वीर हनुमान के साथ किष्किंधा से लंका की ओर प्रस्थान किया। पद्मपुराण के अनुसार श्रीराम का राक्षस रावण से युद्ध पौष शुक्ल द्वितीया से शुरू होकर चैत्र कृष्ण तृतीया तक चला। पौराणिक मान्यतानुसार चैत्र कृष्ण तृतीया को श्रीराम ने अधर्मी रावण का संहार किया था। इसके बाद अयोध्या लौट आने पर नव संवत्सर की प्रथम तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ। अत: दशहरे को रावण वध की बात न केवल अतार्किक है बल्कि पौराणिक मान्यता के भी विरुद्ध है। हां, रामलीला के उल्लास के लिए रावण का वध सुखद व मनोरंजक अवश्य है।

-: शस्त्रपूजन का दिन है दशहरा

• आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा से लेकर नवमी तक दुर्गा पूजा का उत्सव, जिसे नवरात्र भी कहते हैं, किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। आश्विन का दुर्गोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है, विशेषत: बंगाल, बिहार एवं कामरूप में। वैसे शक्ति को पूजने का नवरात्र-उत्सव वर्ष में दो बार आता हैं फिर भी आश्विन मास का दुर्गा पूजा-उत्सव ही पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। नौ दिन तक चलने वाले इस दुर्गा अनुष्ठान का उत्थापन-विसर्जन जिस तिथि को होता है, वह है-विजया दशमी। यह सदियों से शौर्य, पराक्रम और राष्ट्र व धर्म के प्रति समर्पित भावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण तिथि है। एक ओर, ज्योतिष शास्त्र व कर्मकांड की मान्यतानुसार इस दिन श्रवण नक्षत्र होने से यह देवी प्रतिमा के विसर्जन का दिन है। वहीं धर्मशास्त्रीय नियमों के हिसाब से अपराजिता पूजन, शमी पूजन, सीमोल्लंघन, गृह-पुनरागमन, घर की नारियों द्वारा अपने समक्ष दीप घुमाने, नए वस्त्र व आभूषण खरीदने या धारण करने के साथ ही क्षत्रिय-राजपूतों द्वारा घोड़ों, हाथियों, सैनिकों व शस्त्रों को पूजने का दिन भी विजया दशमी ही है।

-: शस्त्र पूजन विधि

• ऐसे में हर कोई यह भी जानना चाहता है कि आखिर विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन की सही विधि क्या होती है? इस संबंध में जानकारों का कहना है कि इसके लिए सबसे पहले घर पर जितने भी शस्त्र हैं, उन पर पवित्र गंगाजल का छिड़काव करें। शस्त्रों को पवित्र करने के बाद उन पर हल्दी या कुमकुम से टीका लगाएं और फल-फूल अर्पित करें। वहीं एक बात का ध्यान अवश्य रखें कि शस्त्र पूजा में शमी के पत्ते जरूर चढ़ाएं। दशहरे पर शमी के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।

इस नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए कामाख्या देवी शक्ति पीठ में करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 7 - 13 अक्टूबर 2021 - Durga Saptashati Path Online

नवरात्रि पर कन्या पूजन से होंगी मां प्रसन्न, करेंगी सभी मनोकामनाएं पूरी : 13 अक्टूबर 2021- Navratri Kanya Pujan 2021

कब मिलेगी आपको अपनी ड्रीम जॉब ? जानें हमारे अनुभवी ज्योतिषियों से- अभी बात करें FREE
 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X