भारतीय ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को अत्यंत शुभ ग्रह को गणना। क्योंकि सुख , संपन्नता, समृद्धि, वैभव आदि का कारक इसी ग्रह को माना जाता है। शुक्र ग्रह को ज्योतिष में सौंदर्य, प्रेम, भाव ,कला आदि तत्वों का प्रधान माना जाता है। ज्योतिषी कुंडली के अनुसार शुक्र ग्रह व्यक्ति के सुख और वैभव का कारक होता है इसका मतलब यह है कि अगर इंसान को सुखी जीवन व्यतीत करना है तो सबसे पहले उसे अपनी कुंडली में शुक्र की दशा के बारे में जानना जरूरी होता है। व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की प्रबलता उसके भौतिक सुखों का आनंद एवं आकर्षित व्यक्तित्व को दर्शाता है। शुक्र ग्रह एक राशि से 23 दिनों के बाद दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ज्योतिष गणना के अनुसार शुक्र ग्रह, देवगुरु बृहस्पति के कुंभ राशि में प्रवेश होने के ठीक 2 दिन बाद यानी 22 जून दिन मंगलवार को 2 बज कर 7 मिनट पर मिथुन राशि से पुनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण में गोचर करते हुए कर्क राशि में प्रवेश हुए हैं, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर रहेगा। इस राशि पर शुक्र 23 दिनों तक रहेंगे और 17 जुलाई कि सुबह 9 बजकर 28 मिनट के बाद वह सिंह राशि की ओर प्रस्थान कर जाएंगे। 22 जून 2021 को होने वाले राशि परिवर्तन से पहले शुक्र ने 28 मई को राशि बदली थी। शुक्र ग्रह के राशि परिवर्तन से इसका असर सभी राशियों पर पड़ता है । मेष वृष मिथुन कर्क कन्या तुला मीन और वृश्चिक राशि वालों को इस अवधि में शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। और कुछ राशियों पर इसके अशुभ प्रभाव पड़ सकते हैं। तो आइए जानते हैं कुछ राशियों पर इसके विशेष प्रभाव के बारे में
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