अक्सर देखा जाता है की अगर शनि अपना चाल चल रहा होता है तो कई लोग डर जाते है क्योंकि अजीबो घटनाएं होने लगती है दिन बुरे चलने लगते है।अगर कोई शनि का नाम सुन लेता है तो वो परेशान हो जाता है। परेशान इस लिए क्योंकि वो ये सोच रहा होता है की कही जो बुरे काम हो रहे है वो शनि का दोष तो नही। सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि किसी एक राशि मे ढाई साल तक रहते है फिर जाकर वो दूसरे राशि में गोचर करते हैं।ये ढाई साल का समय बहुत ही ज्यादा होता है जिसमे काफी नुकसान भी उठाना पड़ता हैं। माना जाता है कि अगर किसी के कुंडली में शनि खराब होता है तो उसको बहुत ही सावधान रहना चाहिए क्योंकि बीमारियों से पीछा नही छूटता तो वही एक न एक समस्या लगी रहती हैं।कुंडली में शनि की खराब स्थिति होने पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा लग जाती है।शनि किसी एक राशि में लगभग ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि के एक राशि में रहने से तीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और दो पर ढ़ैय्या लग जाती है। वर्तमान में शनि मकर राशि में भ्रमण पर हैं जिस कारण से धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती लगी हुई है और मिथुन और कन्या पर ढैय्या।
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