2. मूल नक्षत्र:-मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में होते है। इस नक्षत्र का स्वामी केतु होता है वही राशि स्वामी गुरु होता है। इसमें नक्षत्र में कर्ज देने पर उसके लंबे समय तक हंसी रहने की संभावना होती है।
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