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Shree Krishna Janmashtami 2021: इस साल जन्माष्टमी पर बन रहा है शुभ संयोग, जानें रोहिणी नक्षत्र ,सर्वार्थसिद्धि और चंद्रमा राशि के बारे में

My jyotish expert Updated 29 Aug 2021 01:39 PM IST
Shree Krishna Janmashtami 2021
Shree Krishna Janmashtami 2021 - फोटो : google
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Shree Krishna Janmashtami 2021: भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव हर वर्ष बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अस्टमी हो हुआ था। भगवान विष्णु ने नीले आकाश का गहरा नीला रंग धारण किए अपनी आठवें अवतार, श्री कृष्ण के रूप में माता देवकी की कोख से जन्म लिया था। इस साल भगवान श्री कृष्णा जन्मोत्सव का ये महापर्व दिनांक 30 अगस्त 2021 दिन सोमवार (Monday)  को पूरे भारतवर्ष में मनाया जा रहा हैं । हिंदू पंचांग के अनुसार  (Hindu Calendar) भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन देवकी माँ की कोख में 9 महीने (Months)  से पल रहे एक छोटी सी जान ने जन्म लिया था । हिंदू ग्रंथों के अनुसार यह बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग की काल कोठरी में हुआ था । हिंदू ग्रंथों में मूल रूप से यह बताया गया है कि देवकी मां (Devaki maa)   के विवाह के पश्चात जब वो अपने ससुराल जा रही थी तभी एक आकाशवाणी हुई  थी कि देवकी मां का आठवां शिशु  कंस की मौत का कारण बनेगा  तभी देवकी मां के भाई कंस ने कहा की देवकी का आठवां पुत्र जिंदा नहीं रहेगा व उसकी मृत्यु (Death)  हो जाएगी  । लेकिन ऐसा नहीं हुआ भगवान श्री कृष्ण ने बचपन (Childhood)  से ही काफी लीलाएं करते आए हैं और सभी लोगों को अपने लीलाएं प्रस्तुत कर उन्हें आश्चर्य में भी डाला है । इस वर्ष श्री कृष्ण जन्मोत्सव (Birthday) रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा वृष की राशि में रहते हुए मनाया जाएगा साथ ही इस दिन सर्वार्थसिद्धि का योग भी बन रहा है । यह योग वार नक्षत्र के मेल से बनने वाला योग मैं गिना जाता है । यह रोहिणी मृगशिरा , पुण्य , अनुराधा, श्रवण नक्षत्र में काफी शुभ (Auspicious) माना जाता है । आइए अब जानते हैं पूजा विधि और जन्माष्टमी 2021 मुहूर्त के बारे मे-

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पूजा विधि-

लड्डू गोपाल को दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक कराएं
। गंगा जल ,दूध मक्खन ,पंचमेवा से स्नान करवाकर कृष्ण जी को प्रेम पूर्वक याद करते हुए 'श्री कृष्णाय नमः' का जाप करें । फिर  बाल गोपाल को नए नए वस्त्र ( new  dresses) पहनाकर मोर मुकुट ,बांसुरी (Flute)  से सजाकर उन्हें पालने में बिठाय। साथ ही धीरे-धीरे झूला (swing) झुलाते रहे । श्रंगार में भगवान श्री कृष्ण को और उनके ही स्वरूप लड्डू गोपाल को चंदन (Sandalwood)  का टीका और वैजयंती माला भी अवश्य पहनाऐ । इससे उनका रूप और मनमोहक लगता है। फिर श्री कृष्ण को मन पसंदीदा भोग प्रस्तुत करें जैसे की सबसे प्रिय माखन मिश्री । श्री कृष्ण को माखन इतना पसंद था कि वे गोकुल में माखनचोर से प्रसिद्ध थे। पंचमेवा (Five Dry fruits) ,  पंजीरी चढ़ाएं और फिर संपूर्ण परिवार के साथ कृष्ण जी की आरती गाएं । इस दिन हर जगह कृष्ण जी की झांकियां लगती है । और कई लोग जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्णा (Lord shri krishna) के  लिए व्रत भी रखते हैं , जैसा की भगवान श्री कृष्णा का जन्म रात के बारह (12)  बजे हुआ था उसी हिसाब से भगवान श्री कृष्ण का ये व्रत रात बारह (12)  बजे के बाद ही खोला जाता है।  ऐसे में आपको  पहले बारह बजे  भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना कर ,उनको भोग प्रसाद चढ़ाकर और उनकी आरती कर , भगवान श्री कृष्णा से अपनी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने की प्रार्थना (Pray)  करे। उसके बाद भगवान श्री कृष्णा को चढ़ाया हुआ प्रसाद लेकर आप अपना व्रत (Fast)  खोल सकते है।

जन्माष्टमी 2021 मुहूर्त-

अष्टमी तिथि प्रारंभ   -  29 अगस्त रात 11:25 से शुरू।
अष्टमी तिथि समापन - 30 अगस्त दिन सोमवार रात 1:59 मिनट ।
पूजा समय              - 30 अगस्त 11:30 से 12:44 तक शुभ रहेगा।

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