जन्माष्टमी स्पेशल : वृन्दावन बिहारी जी का माखन मिश्री भोग
पूजा विधि-
लड्डू गोपाल को दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक कराएं
। गंगा जल ,दूध मक्खन ,पंचमेवा से स्नान करवाकर कृष्ण जी को प्रेम पूर्वक याद करते हुए 'श्री कृष्णाय नमः' का जाप करें । फिर बाल गोपाल को नए नए वस्त्र ( new dresses) पहनाकर मोर मुकुट ,बांसुरी (Flute) से सजाकर उन्हें पालने में बिठाय। साथ ही धीरे-धीरे झूला (swing) झुलाते रहे । श्रंगार में भगवान श्री कृष्ण को और उनके ही स्वरूप लड्डू गोपाल को चंदन (Sandalwood) का टीका और वैजयंती माला भी अवश्य पहनाऐ । इससे उनका रूप और मनमोहक लगता है। फिर श्री कृष्ण को मन पसंदीदा भोग प्रस्तुत करें जैसे की सबसे प्रिय माखन मिश्री । श्री कृष्ण को माखन इतना पसंद था कि वे गोकुल में माखनचोर से प्रसिद्ध थे। पंचमेवा (Five Dry fruits) , पंजीरी चढ़ाएं और फिर संपूर्ण परिवार के साथ कृष्ण जी की आरती गाएं । इस दिन हर जगह कृष्ण जी की झांकियां लगती है । और कई लोग जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्णा (Lord shri krishna) के लिए व्रत भी रखते हैं , जैसा की भगवान श्री कृष्णा का जन्म रात के बारह (12) बजे हुआ था उसी हिसाब से भगवान श्री कृष्ण का ये व्रत रात बारह (12) बजे के बाद ही खोला जाता है। ऐसे में आपको पहले बारह बजे भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना कर ,उनको भोग प्रसाद चढ़ाकर और उनकी आरती कर , भगवान श्री कृष्णा से अपनी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने की प्रार्थना (Pray) करे। उसके बाद भगवान श्री कृष्णा को चढ़ाया हुआ प्रसाद लेकर आप अपना व्रत (Fast) खोल सकते है।
जन्माष्टमी 2021 मुहूर्त-
अष्टमी तिथि प्रारंभ - 29 अगस्त रात 11:25 से शुरू।
अष्टमी तिथि समापन - 30 अगस्त दिन सोमवार रात 1:59 मिनट ।
पूजा समय - 30 अगस्त 11:30 से 12:44 तक शुभ रहेगा।
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