झूला : सर्वप्रथम बाल-गोपाल के लिए झूला अथवा पालना सजाया जाया जाता है। बाजारों में कई प्रकार के झुले मिलते हैं,अर्थात सोना, चांदी, पीतल अथवा लकड़ी के बने हुए। भक्तगण अपनी यथाशक्ति अनुसार झूला लाएं तथा उस पालने को फूलों से सजाएं। झूला सजाने हेतू लेस अथवा झालर का भी उपयोग कर सकते हैं। झूले या पालने के भीतर रेशमी अथवा मखमली कपड़े के तकिये, गादी एंव रजाई रखें। अब कृष्ण जी को तैयार कर झूले के भीतर बैठाये।
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