Powerful Gayatri mantra: हिन्दू धर्म भगवान पर विश्वास रखते हैं। वे किसी भी परिस्थिति में ईश्वर को पहले याद करते हैं फिर चाहे वह पल खुशियों का हो या दुःख का। और इस धर्म में समस्त मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के मंत्र बताए गए हैं। और उन संकलित मंत्रों में गायत्री मंत्र को वेदों में सर्वश्रेष्ठ स्थान है। माना जाता है कि माँ गायत्री मे ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का स्वरूप समाहित है। मान्यता के अनुसार चारों वेद, पुराण एवं श्रुतियाँ ये सभी माँ गायत्री से हीं उत्पन्न हुए हैं। यही कारण है कि माता गायत्री को वेदमाता के नाम से भी जाना जाता है। गायत्री मंत्र के महिमा का विश्लेष्ण कई ऋषियों-मु नियों ने किया है। गायत्री महामंत्र मुण्डकोपनिषद से लिया गया है जिसमें तीन वेदों का सार शामिल है। इसका जाप करने से किया गया किसी भी पापों से आपको छुटकारा मिल जाता है। इसकी दिव्य शक्ति इतनी तीव्र है कि नर्क रूपी सागर में पड़े मनुष्यों को खींचकर बाहर निकाल लेती है। गायत्री मंत्र के जाप के लिए तीन मूल समय निर्धारित किए गए हैं। जिसमें पहला है प्रातः काल के वक्त, इस दौरान गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से पहले प्रारंभ कर सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए। मंत्र जाप के लिए दूसरा है दोपहर का वक्त। दोपहर में भी इस मंत्र के जाप आप नियमपूर्वक कर सकतें हैं। और तीसरा है शाम का समय, जो कि सूर्यास्त से थोड़ा पहले शुरू करें और सूर्यास्त के पश्चात् तक करें। माता गायत्री के महामंत्र का जाप मौन अवस्था में करें। मंत्र का जाप तेज आवाज में करने की मनाही है। आइए आपको बताते हैं गायत्री मंत्र एवं इसके उपाय के बारे में-
गायत्री मंत्र- ‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’
अर्थ- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंत:करण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें।
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