हमारी रोजमार वाली जिंदगी को व्यक्ति और खुशहाल तरीके से बिता सके इसके लिए वह जीवन भर अच्छे रोजगार की तलाश करता है और जब व्यक्ति को उसकी मनचाही नौकरी मिल जाती है तब उसे ना चाहते हुए भी अपने शहर , अपने घर - परिवार के सदस्यों से दूर जाना ही पड़ता है । जिस प्रकार वास्तु शास्त्र में हमें वस्तु से संबंधित चीजों के बारे में सही जानकारी मिलती है ठीक उसी प्रकार धर्म शास्त्र में भी जगह संबंधित बातों की जानकारी व्यक्ति को बताई जाती है । धर्म शास्त्र का अर्थ होता है , जो शास्त्र हिंदुओं के धर्म के ज्ञान को सम्मिलित करता है । धर्म शब्द में यह पारंपारिक धर्म व कानून कर्तव्य को दिखाता है ।
हमारे भारतीय संस्कृति में व्यक्ति के पारंपरिक जीवन में हो रहे सभी कार्यों को शुभ - अशुभ संकेतों से जोड़ा जाता है । इसीलिए हमारी जानकारी को और बढ़ाने के लिए धार्मिक शास्त्रों में इन चीजों का जिक्र किया जाता है जो व्यक्ति के पारंपारिक जीवन से जुड़ी होती है । इससे व्यक्ति को सुख , शांति और समृद्धि की प्राप्ति भी होती है । हिंदू परंपरा के अनुसार धर्म शास्त्र को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है । क्योंकि पहले ये आदर्श ग्रहस्थ के लिए धार्मिक नियमों का स्रोत करता है वहीं दूसरी ओर ये धर्म , विधि , आचारशास्त्र आदि से संबंधित हिंदू ज्ञान का सुसंहत रूप बनाता है ।
आइए जानते हैं कि इन स्थानों पर हमें भूल कर भी नहीं जाना चाहिए।
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