1. सिद्धिविनायक के नाम से जाने जाते हैं और उनकी गिनती अष्टविनायकों में की जाती है। महाराष्ट्र में गणेश दर्शन के आठ सिद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल हैं, जो अष्टविनायक के नाम से प्रसिद्ध हैं। लेकिन अष्टविनायकों से अलग होते हुए भी इसकी महत्ता किसी सिद्ध-पीठ से कम नहीं। भगवान गणेशजी के मुख्यत: अष्टरूप है जिन्हें अष्ट विनायक कहते हैं। 1. महोत्कट विनायक, 2. मयूरेश्वर विनायक, 3. गजानन विनायक, 4. गजमुख विनायक, 5. मयुरेश्वर विनायक, 6. सिद्धि विनायक, 7. बल्लालेशवर विनायक और 8. वरद विनायक। इन अष्ट विनायक में सबसे मंगलकारी स्वरूप है सिद्धि विनायक गणेशजी का।
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