myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Photo Gallery ›   Blogs Hindi ›   Dhanteras dhanvantri puja shrot significance pujan vidhi

जानिए क्या है कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाने के महत्व

sonam Rathore My jyotish expert Updated Wed, 03 Nov 2021 04:35 PM IST
Diwali
1 of 9
भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है, यहां तरह तरह के त्योहार पूरे वर्ष ही आते रहते हैं लेकिन दीवाली सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। दीपावली पर्व पांच दिनों तक चलता है। यह सबसे बड़ा पर्व होता है। इस त्योहार का इंतजार बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सबको रहता है। कई दिनों पहले से ही इस पर्व को मानने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। 

 हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी चौदह वर्षों का वनवास पूरा करके अपने घर अयोध्या लौटे थे। प्रभु राम के इतने वर्षों बाद घर लौटने की खुशी में सभी अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से दीपावली पर्व मनाया जाने लगा।

यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या की अंधेरी रात असंख्य दीपों से जगमगा उठती है। यह पर्व लगभग सभी धर्म के लोग उत्साह के साथ मनाते हैं। दीपावली शुरू होने से कई दिन पहले से ही लोग घरों की लिपाई-पुताई, सजावट करना प्रारंभ कर देते हैं। इन अवसर पर पहनने के लिए नए वस्त्र सिलवाए या खरीदे जाते हैं, घरों में मिठाइयां बनाई जाती हैं। इस अवसर पर देवी लक्ष्मी, गणेश और कुबेर जी की पूजा की जाती है। इसलिए लोग उनके आगमन और स्वागत के लिए अपने घरों को साफ करके सजाते हैं।

भारतीय संस्कृति और धर्म में कार्तिक मास के दिन आने वाले अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन दीवाली पर्व मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के साथ ही जैन, बौद्ध और सिख धर्म में भी कार्तिक मास की अमावस्या का खास महत्व है।

किस राशि की आय में होने वाली है वृद्धि, पढ़िए यहाँ

फ्री टूल्स

X