3. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है कहते हैं कि उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है और वे निराशावादी हो जाते हैं। प्रात:काल
सूर्य देव के दर्शन से शरीर में स्फूर्ति आती है और यदि शरीर अच्छा महसूस करेगा तो मन भी सकारात्मक होकर निराशावाद को भगाकर आत्मविश्वास बढ़ाता है।
4. माता जाता है कि जल की धारा में से उगते सूरज को देखना चाहिए इससे धातु और सूर्य कि किरणों का असर आपकी दृष्टि के साथ-साथ आपके मन पर भी पड़ेगा और आपको सकारात्मक उर्जा का आभास होता रहेगा।
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