ज्योतिष शास्त्र में कुल 12
राशियों और नौ ग्रहों का अध्ययन किया जाता है। इसके आधार पर व्यक्ति के भविष्य, विवाह से संबंधित बातें, जीवन में सफलता आदि कई ऐसी बातें हैं जो हम ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशि और ग्रहों की स्थिति को देखकर पता लगा सकते हैं। तो आज हम शनिदेव अर्थात शनि ग्रह के प्रभाव के बारे में जानेंगे। वैसे तो शनि देव को न्याय प्रिय देवता माना जाता है। तथा यह भी माना जाता है कि अच्छे कर्म करने वाले लोगों के साथ हमेशा शनि देव जी की कृपा और आशीर्वाद बना रहता है। लेकिन वहीं दूसरी ओर यदि शनिदेव नाराज हो जाए तो इनका भारी पर को देखना पड़ता है। तथा ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यह माना जाता है कि यदि शनि किसी व्यक्ति की कुंडली में विराजमान होता है तो उस व्यक्ति को या तो अपने जीवन में कोई समस्या का सामना करना पड़ सकता है और हानि हो सकती है, और साथ ही यह भी हो सकता है कुंडली में उपस्थित
शनि व्यक्ति को लाभ दें। तथा सनी का किसी विशेष भाव में विराजमान हो ना यह निर्धारित करता है कि शनि की उपस्थिति व्यक्ति को लाभ हो जाएगी या हानि। और यदि यह नुकसान पहुंचाती है तो कुछ कार्यों उसे प्रेस करके आप शनि प्रभाव को कम कर सकते हैं।
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021