इन राशियों पर नहीं पड़ेगा शनि का प्रभाव (Shani Effects Will Not Affect These Zodiac) - हमारी कुंडली और हमारे जीवन में नवग्रहों का सीधा प्रभाव होता है। इनका प्रभाव हमारे हित में हो तो हम क्या नहीं कर सकते अपितु अगर ये हमारे लिए अशुभ स्थिति में हों तो हमें कष्ट ही कष्ट मिलते हैं। नवग्रहों में सभी ग्रह का अपना स्वभाव होता है और अपने कारक तत्व होते हैं। सभी नौ ग्रह समय-समय पर अपना स्थान बदलते रहते हैं। हर कुछ समय के पश्चात ये एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में गोचर होते हैं। हर ग्रह का अपना समय निर्धारित होता है। इन सभी में शनि सबसे धीमी गति से चलते हैं। ये एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए ढाई वर्ष का समय लेते हैं। शनि का हमारे जीवन में बहुत गहरा प्रभाव होता है। अब क्योंकि ये अपने राशि परिवर्तन के लिए इतना लंबा समय लेते हैं तो लोगों पर उनके प्रभाव भी लंबे समय तक रहता है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो शनि अगर किसी पर मेहरबान हो तो उस व्यक्ति का जीवन खुशियों और सफलताओं से भर जाता है। एक प्रकार से उस व्यक्ति का राजयोग शुरू हो जाता है। वहीं दूसरी ओर अगर को किसी व्यक्ति के कुंडली में बुरे स्थिति में हैं तो वो व्यक्ति चाह कर भी सफलता हासिल नहीं कर पाता। अगर किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव है तो उसे आपार मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं।
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शनि की साढ़ेसाती क्या होती है?
ज्योतिष विद्या में मानने वाले लोगों के मन में शनि की साढ़ेसाती का बहुत खौफ़ होता है। जब भी आपकी राशि से बारहवीं राशि में शनि का गोचर होता है तब उस राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती आरंभ होती है। जब शनि और दो ग्रहों को पार कर लेते हैं तब ही ये साढ़ेसाती समाप्त होती है। इसी आधार पर शनि एक समय में तीन राशियों पर प्रभाव डालते हैं। शनि की धीमी चाल के कारण इन्हें ऐसा करने में साढ़े सात वर्ष लगते हैं। इस दौरान जिन राशियों पर साढ़ेसाती का प्रभाव होता है उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कथाओं के अनुसार माना जाता है कि राजा विक्रमादित्य पर भी साढ़ेसाती का प्रभाव था और इसी दौरान उनसे उनका राजपाठ छीन लिया गया था। ऐसा माना जाता है कि लंकापति रावण और राजा हरिश्चंद्र भी इसके दुष्प्रभाव को नहीं काट पाएं।आपके जीवन की हर समस्या होगी पल भर में हल, बात करें एक्स्पर्ट्स से
2021 में शनि का स्थान
शनि इस वर्ष कोई भी राशि परिवर्तन नहीं करने वाले है। इस समय शनि मकर राशि में विराजमान हैं। इस कारण साढ़ेसाती का प्रभाव फिलहाल धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के जातकों पर है। जब अगली बार शनि अपना राशि परिवर्तन करेंगे तो धनु राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव खत्म हो जाएगा और मीन राशि पर इसके प्रभाव की शुरुआत होगी।शनि का अगला राशि परिवर्तन
जैसा कि हमने बताया की इस वर्ष शनि का राशि परिवर्तन नहीं होने वाला है। ये अगले साल यानी 29 अप्रैल 2022 में अपना अगला राशि परिवर्तन करेंगे। ये मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर होंगे। ये दोनों ही राशियां शनि की ही राशि मानी जाती है। इन दोनों ही राशियों पर शनि की साढ़ेसाती बनी रहेगी।सावन माह में महाकाल का करें सामूहिक रुद्राभिषेक और असाध्य रोगों पर पाएँ विजय
अगले सात वर्ष तक इन राशियों पर नहीं पड़ेगा प्रभाव
अगले सात वर्ष की बात करें तो 2022 से लेकर 2028 तक सात राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का बिल्कुल कोई भी प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। इन सात राशियों में मिथुन राशि, कर्क राशि, सिंह राशि, कन्या राशि, तुला राशि, वृश्चिक राशि और धनु राशि आते हैं। शनि का अगला समय चक्र पूर्ण होने से पहले ये साथ राशियां इसके प्रभाव से बिल्कुल मुक्ति रहेंगी।घर में सुख-समृद्धि के लिए लिंविग रूम के वास्तु का रखें खास ख्याल
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