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Yashoda Jayanti 2024: संतान प्राप्ति में आ रही है बाधा ? तो रखें यशोदा जयंती का व्रतYashoda Jayanti Date: फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि के दिन माता यशोदा के जन्मोत्सव का उत्सव मनाया जाता है. संतान सुख एवं संतान के सौभाग्य की कामना हेतु यह पूजन होता है.
Yashoda Jayanti 2024: संतान प्राप्ति में आ रही है बाधा ? तो रखें यशोदा जयंती का व्रत
Yashoda Jayanti Date: फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि के दिन माता यशोदा के जन्मोत्सव का उत्सव मनाया जाता है. संतान सुख एवं संतान के सौभाग्य की कामना हेतु यह पूजन होता है.
Yashoda Jayanti Pujan Vidhi: यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा का पूजन किया जाता है. इस दिन माँ यशोदा जी के साथ उनके पुत्र श्री कृष्ण के बाल रुप का विशेष पूजन होता है. संतान सुख की प्राप्ति होती यशोदा जयंती का पर्व बहुत विशेष माना गया है.
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संतान का जन्म किसी भी दंपत्ति के लिए सबसे खास पलों में से एक होता है. कुछ रिश्तों को अपने लिए यह पाना मुश्किल लगता है कि उन्हें संतान जन्म में कठिनाई का सामना क्यों करना पड़ता है. इसी प्रकार की स्थिति से बचाव हेतु यशोदा जयंती का दिन अत्यंत शुभदायक होता है. यशोदा जयंती का उत्सव काफी प्रभावी होता है.
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यशोदा जयंती षष्ठी पूजन
यशोदा जयन्ती षष्ठी तिथि के दिन मनाई जाएगी. षष्ठी तिथि को संतान के सुख हेतु उत्तम माना गया है. भागवत आदि ग्रंथों के अनुसार श्रीकृष्ण की देखभाल माता यशोदा करती थीं. श्री कृष्ण का बचपन अपनी माँ यशोदा के प्यार और स्नेह से भरपूर रहा. इस दौरान कृष्ण मंदिरों में विशेष पूजा का समय होता है, मां यशोदा की पूजा के साथ-साथ भगवान की भी पूजा की जाती है. इस जयंती का दिन बहुत ही शुभ और खास माना जाता है.महाशिवरात्रि पर सरसों के तेल का अभिषेक दिलाएगा कर्ज मुक्ति, शत्रु विनाश और मुकदमों में जीत : 08 मार्च 2024
इस दिन षष्ठी तिथि का संयोग भी संतान सुख प्रदान करता है. माता यशोदा का श्री कृष्ण के प्रति स्नेह अत्यंत सुखद एवं उत्तम प्रेम का प्रतीक माना जाता है. माता यशोदा ने जिस स्नेह से श्रीकृष्ण का पालन-पोषण किया उसका वर्णन शास्त्रों में कम ही मिलता है. माता और बच्चे के बीच प्रेम की पराकाष्ठा माता यशोदा के श्री कृष्ण के प्रति प्रेम में देखने को मिलती है. इसी कारण से यह दिन हर वर्ष श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है. इस दिन देवी मां के साथ श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की विशेष रूप से पूजा की जाती है.
यशोदा जयंती : संतान प्राप्ति का योग होता है प्रबल
संतान सुख के लिए यशोदा जयंती का दिन अत्यंत शुभदायक होता है. संतान नहीं होता तो इसका असर वंश वृद्धि पर पड़ता है. कई बार चिकित्सा भी संतान में मदद नहीं करती है. ऐसी स्थिति में कुछ व्रत विशेष का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है. इसी में यशोदा जयंती का उत्सव काफी प्रभावी होता है.सारी इच्छाओं को पूरा करने के लिए इस महाशिवरात्रि बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक : 08 मार्च 2024
ज्योतिष शास्त्र में पांचवां घर वह है जिसे संतान एवं गर्भावस्था से संबंधित प्रश्नों के लिए देखते हैं. यदि कुंडली में पांचवां स्थानसंतान और उनसे संबंधित कारकों का प्रतिनिधित्व करता है. यदि किसी व्यक्ति के पांचवें घर में ग्रहों का सकारात्मक प्रभाव न हो तो उस स्थिति में संतान का कष्ट प्रभावित करता है. बच्चे के जन्म के लिए इसे सकारात्मक होना बेहद जरूरी होता है. इसके अलावा, कुंडली में पंचम भाव के स्वामी का सकारात्मक रूप से स्थित होना आवश्यक है.
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पांचवें घर के साथ-साथ, कुंडली के अन्य भावों को भी देखा जाता है, नवम भाव को भी देखते हैं. इन भावों और इनके स्वामियों के साथ-साथ ग्रह को भी संतान प्राप्ति का मुख्य कारक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में संतान प्राप्ति के लिए जातक को इसकी कृपा आवश्यक है. ऎसे में इन भावों एवं ग्रहों की शुभता के लिए यशोदा जयंती का पर्व श्रेष्ठ फल प्रदान करने वाला होता है.