हमारे जीवन में जो कोई भी बदलाव आतें है उनका सीधा जुड़ाव हमारे ग्रहों से होता है। इसलिए नवग्रहों की पूजा -अर्चना अवश्य करनी चाहिए। नवग्रहों की पूजा से न सिर्फ एक बल्कि पुरे नौ ग्रह प्रसन्न होते है। जिसके माध्यम से व्यक्ति को एकसाथ नौ ग्रहों की कृपा की प्राप्ति होती है।यदि कुंडली में कोई ग्रह नीच या अशुभ स्थान में होकर बुरा प्रभाव डाल रहा है और इसके कारण आपके जीवन में अनेक कठिनाईयां आ सकती है। नव ग्रह की पूजा करने से यह सभी कठिनाइयाँ दूर हो जाती है तथा जीवन में स्थिरता आती है। नवग्रह की पूजा से देवी -देवता भी प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसातें है तथा उन्हें सदैव सुखी रहना का आशीर्वाद देतें है। ईश्वर स्वयं अपने भक्तों के रक्षक बनकर शत्रुओं से उनकी रक्षा करते है।
नवग्रहों का पूजन कोई भी कर सकता है मात्र एक पूजा से कुंडली में विराजित ग्रहों के दोष बहुत ही सरलता से शांत हो जातें है।तथा इस पूजा से सुख -समृद्धि एवं मान -सम्मान की प्राप्ति भी होती है।जब कभी भी घर में कोई शुभ कार्य होने वाला हो तो नवग्रह का पूजन जरूर करें जिससे कार्य मंगलमय रूप से संपन्न हो जाएगा।यदि घर में क्लेश की स्थिति बन रही हो तो ऐसी परिस्थिति को समाप्त करने के लिए अवश्य ही नवग्रह की पूजा करनी चाहिए।जिससे विपदाओं का नाश होता है व घर में सुख -शांति का वास होता है। नवग्रह यदि जीवन में शांत हो गए, तो जीवन में किसी भी प्रकार कमी नहीं रहती है।
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