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जानिए गृह प्रवेश की पूजा क्यों है आवश्यक

My Jyotish Expert Updated 17 Apr 2020 07:26 PM IST
Griha Pravesh Puja: Know why house entrance worship is necessary
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घर चाहे स्वयं बनाया गया हो या किराए का उससे जुड़ी मनुष्य की भावनाएं सदैव पवित्र ही होती हैं। नए घर में प्रवेश करने से पहले व्यक्ति की बहुत सी आशाएं होती हैं। नए सपने, नए उमंग के साथ व्यक्ति अपने नए घर में आता है। नया घर व्यक्ति के लिए मंगलमयी हो, प्रगतिकारक हो, यश, सुख, समृद्धि और सौभाग्य की सौगात दें यही कामना लेकर वह ईश्वर से प्रार्थना करता है। गृह प्रवेश की पूजा के माध्यम से व्यक्ति भगवान का आभार प्रकट करता है की ईश्वर ने उसे इस लायक बनाया तथा उसके नए घर में सदैव ख़ुशी और सुख का वास हो इसकी इच्छा व्यक्त करता है।


गृह  प्रवेश करने से पहले गृह प्रवेश के लिए दिन, तिथि, वार एवं नक्षत्र को ध्यान में रखते हुए गृह प्रवेश की तिथि और समय का निर्धारण किया जाता है। गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान जरुर रखना चाहिए। एक विद्वान ब्राह्मण की सहायता से, विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण कर गृह प्रवेश की पूजा को संपूर्ण किया जाता है। माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह को गृह प्रवेश के लिए सबसे सही समय बताया गया है। आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष इसके लिहाज से शुभ नहीं माने गए हैं। शुभ समय में गृह प्रवेश करने से जीवन सुखमय बना रहता है। हर कार्य को करने का एक शुभ मुहूर्त होता है जिससे वह कार्य  मंगलमय रूप से संपन्न हो सके इसलिए यदि गृह प्रवेश की पूजा भी शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर की जाएगी तो उससे घर में सुख समृद्धि का वास होगा।

पूजा कराने से पहले घर को अच्छे से साफ करें। इसके लिए आप पानी में नमक घोलकर फर्श धो सकते हैं। यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है। घर में प्रवेश के दौरान सीधा पैर पहले रखना चाहिए यह शुभ माना जाता है। घर के मुख्यद्वार को अच्छे से सजाना चाहिए, क्योंकि इसे सिंह द्वार कहा जाता है यानी वास्तु पुरुष का चेहरा। इसे आम की पत्तियों और ताजे फूलों से सजाएं। फर्श पर चावल के आटे और शानदार रंगों से रंगोली बनाएं। माना जाता है कि रंगोली बनाने से माता लक्ष्मी आती हैं। आसपास की जगह को शुद्ध करने के लिए हवन (जड़ी-बूटियों और लकड़ी को आग में डालना) किया जाता है। नए घर में पूजा के बाद देवी-देवताओं की मूर्तियों को घर की पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए।

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