अनंत चतुर्दशी पर क्यों किया जाता है गणेश विसर्जन
गणेश चतुर्थी, भगवान गणपति को समर्पित दस दिवसीय त्योहार, पूरे देश में भक्ति एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन जगह जगह पर भगवान की झांकियां भी निकाली जाती हैं. अत्यंत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला ये पर्व अनंत चतुर्दशी पर ही समाप्त होता है, गणेश उत्सव, गणेश विसर्जन के साथ समाप्त हो जाता है, जिसे अनंत चतुर्दशी के रूप में जाना जाता है. भक्तों में यह विश्वास होता है कि बप्पा पुन: हमारे जीवन में खुशियां लाएंगे. भगवान श्री गणेश जी को इस विश्वास के साथ विदाई दी जाती है कि वह अगले साल उन्हें आशीर्वाद देने के लिए उनके घर लौट आएंगे. इस साल अनंत चतुर्दशी 9 सितंबर शुक्रवार को मनाई जाएगी.
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गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक की यात्रा
उत्सव गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होता है, जिसे अनंत चतुर्दशी के रूप में जाना जाता है गणेश चतुर्थी हिंदू चंद्र पंचांग के छठे महीने के चौथे दिन आती है, जो भाद्रपद माह है. यह इस माह का 14वां दिन होता है जब दस दिन तक चलने वाले गणेश महोत्सव का समापन भी होता है, और इस दिन को चतुर्दशी कहा जाता है. संयोग से, जब गणेशोत्सव समाप्त होता है, तो यह भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है. उन्हें अनंत अर्थात जिसका कोई अंत नहीं है, के रूप में जाना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, सुशीला ने महर्षि कौंडिन्य से विवाह के बाद एक 'अनंत' व्रत लिया और समृद्ध जीवन के लिए भगवान विष्णु से आशीर्वाद मांगा.
अपनी आस्था के प्रतीक के रूप में, उसने अपनी कलाई में एक धागा बांधा और एक आनंदमय जीवन व्यतीत कर रही थी. हालांकि, एक दिन, उनके पति ने यह कहते हुए पवित्र धागे की महत्ता को नकार दिया कि उनके सफल जीवन का कारण उनकी कड़ी मेहनत थी न की यह अनंत सूत्र. इस बात के बाद से जल्द ही, दंपति को न समाप्त होने वाले दुर्भाग्य का सामना करना पड़ा, जिससे अंत में कौंडिन्य को अपनी गलती का एहसास हुआ ओर उन्होंने इस अनंत धागे की महिमा का भेद जाना ओर भगवान की शक्ति के समक्ष नतमस्त हुए.
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अनन्त चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
इस शुभ दिन भगवान की पूजा अर्चना बहुत ही विस्तृत रुप से की जाती है. इसके बाद, भक्त गणेश जी की मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाने से पहले फूल, मोदक, हल्दी-कुमकुम, रोली, पान आदि अर्पित करते हैं. अनन्त चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन शुक्रवार, 9 सितम्बर 2022, को होगा. गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - 06:03 से 10:44 तक, अपराह्न मुहूर्त (चर) - 17:00 से 18:34 तक, अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 12:18 से 13:52 तक, रात्रि मुहूर्त (लाभ) 21:26 से 22:52 तक, रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) -24:18 से 04:37 तक( सितम्बर 10) चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ होगी 08 सितम्बर, 2022 को 21:02 और चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी 09 सितम्बर, 2022 को 06:07 तक रहेगी.
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