चंद्रमा का असर क्यों बनाता है मेष राशि को बोल्ड
ज्योतिष में चंद्रमा का प्रभाव विशेष असर रखता है. चंद्र द्वारा ही राशि को समझा जाता है ओर व्यक्ति के आचरण को भी समझने में मदद मिलती है. चंद्रमा मन, भावनाओं, माता, मन की शांति, गृह, जल आदि का प्रतिनिधित्व करता है. ऎसे में जब भी जिस भी राशि में होता है वहां उस राशि के स्वामित्व के साथ मिलकर व्यक्ति को प्रभावित करने वाला होता है. आईये इसमें जानते हैं की मेष राशि के लिए चंद्रमा का असर कैसा रह सकता है. प्रत्येक राशि में चंद्रमा की अपनी अलग भूमिका होती है. यह स्थिति जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है. किस राशि का स्वामी कौन होगा उसके अनुसार भी चंद्रमा का असर व्यक्ति पर पड़ता है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
मेष राशि स्वामी और नक्षत्र
मेष राशि, राशि चक्र में पहली राशि है, इसलिए यह कुंडली के पहले घर की चीजों और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती है जैसे स्व, व्यक्तित्व आदि बातों को. मेष राशि मंगल ग्रह के स्वामित्व की राशि है और इसमें अश्विनी, भरणी और कृतिका नामक नक्षत्र शामिल होते हैं. ऎसे में चंद्रमा का राशि के ऊपर नक्षत्र में मौजूद स्थिति उसके चरण का भी असर गहराई से पड़ता है. मेष हमारे व्यक्तित्व, हमारी आक्रामकता, हमारे कार्यों, हमारी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता आदि का प्रतीक बनती है
जब चंद्रमा मेष राशि में होता है तो ये मेष राशि वाले जातक में स्वाभाविक रूप से आक्रामकता, उत्तेजना, तुरंत कार्य करने की कोशिश देखने को मिल सकती है. यह स्थिति ही मेष राशि के जातक को आगे बढ़ने का मौका देती है. मेष राशि बोल्ड होती है जातक बहुत सक्रिय हो सकते हैं, जल्द से कार्रवाई करना पसंद करते हैं और कभी-कभी वे कार्रवाई करने और निर्णय लेने में भी बहुत आवेगी हो सकते हैं. इसका मतलब है कि उन्हें किसी चीज के बारे में फैसला करने में ज्यादा समय नहीं लगता है. मूल रूप से, वे एक्शन ओरिएंटेड लोग होते हैं. मेष राशि बेकार नहीं बैठना चाहेगी और कुछ न कुछ करते रहने की इच्छा इनमें रहती ही है. निर्णय की प्रतीक्षा अधिक करना पसंद नही हो साथ ही निर्णय लेने में आवेगी भी हो सकते हैं.
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मेष राशि नक्षत्र प्रभाव
चंद्रमा जिस नक्षत्र में होगा उसके अनुसार भी अपना फल देता है, चंद्रमा के कामकाज में बहुत अच्छा होगा, जब यह अश्विनी नक्षत्र में होगा, तो चंद्रमा के परिणाम कुंडली में केतु की स्थिति से प्रभावित होंगे क्योंकि केतु अश्विनी के स्वामी हैं. यदि यह भरणी नक्षत्र में है, तो चंद्रमा के परिणाम कुंडली में शुक्र की स्थिति से प्रभावित होंगे क्योंकि शुक्र भरणी का स्वामी है. इसी तरह, यदि यह कृतिका नक्षत्र में है, तो कुंडली में सूर्य की स्थिति से चंद्रमा के परिणाम प्रभावित होंगे क्योंकि सूर्य कृतिका का स्वामी है.
मेष राशि वालों को क्रियेटिव काम पसंद होंगे. ये लोग खेलों में रहना पसंद कर सकते हैं क्योंकि किसी भी खेल में आपको सक्रिय रहने की आवश्यकता होती है और बहुत सारी शारीरिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं. जैसा कि चंद्रमा भी माता का प्रतिनिधित्व करता है, यह दर्शाता है कि इनकी माता जी भी बहुत सक्रिय महिला हो सकती हैं. मेष राशि वालों के लिए जरुरी है की वे सोच समझ कर धैर्य के साथ अपने काम को अंजाम दें ऎसा करने से मेष राशि एक बेहतर उच्च स्थान को पाने में सफल हो सकते हैं.
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