7 मार्च 2019 राहु केतु का क्रमशः गोचरीय परिभ्रमण काल का आरम्भ मिथुन राशि व धनु राशि से प्रारम्भ हुआ। 5 नवम्बर 2019 को गुरु गोचर में स्वराशि धनु राशि में प्रवेश किया तथा उच्चगत केतु से सहसम्बह्म होकर गुरु चाण्डाल योग का निर्माण किया। गुरु चाण्डाल योग अर्थात गुरु और केतु का युतिवश अर्थात वायरस कहर के तीव्रता का मूल कारण बना। यद्यपि 23 जनवरी 2020 तक शनि भी गुरु केतु के साथ विराजमान रहा तथापि 26 दिसंबर 2019 से सूर्यग्रहण की तिथि तथा 24 जनवरी 2020 से शनि का मकर राशि में गोचरीय प्रवेश, ने कोरोना वायरस के वृद्धिकारक स्थिति का मूल कारण बना।
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स्पष्टतहः जब तक गोचरीय स्थिति में में गुरु -चाण्डाल योग की निर्मिति रहेगी तब तक कोरोना वायरस से मुक्ति का पथ दिखाई नहीं देगा। ध्यातव्य है की 23 मार्च 2020 को मंगल धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगा व 24 मार्च से चैत्र शुक्ल पप्रतिप्रदा शुभारंभ एवं गोचर का मकर राशिगत उच्च का मंगल व स्वराशिगत की युतिवश कोरोना वायरस का संक्रमण से बचाव हेतु वैक्सीन व मेडिसिन निर्माण काल के शुभारंभ का योग बनेगा। क्योंकि मंगल व शनि ग्रह को मेडिकल का कारक ग्रह माना गया है एवम मिथुन राशिगत राहु से अष्टम मृत्यु भावगत राशि मकर से मंगल व शनि के गोचर की युति, राहु अर्थात विष वायरस के हनन का कारण बनेगी। ध्यातव्य है की 29 मार्च 2020 को गुरु ,केतु को छोड़कर अर्थात गुरु चाण्डाल योग रहित काल का शुभ आरम्भ करते हुए मकर राशि में प्रवेश करेगा अर्थात 29 मार्च से 30 जून का अंतराल का काल, वैक्सीन निर्माण अर्थात कोरोना वायरस नियन्त्र काल संभाव्य काल रूपेण चरितार्य होगा।
14 अप्रैल 2020 से 13 मई 2020 के काल अंतराल में सूर्य,मेष राशिगत उच्च स्थिति में गोचरीय मुहर्त काल के सापेक्ष उच्चगत मकर राशिगत मंगल से चतुर्थ उच्चगत सूर्य का विशेष गोचरीय परिभ्रमण काल , कोरोना वायरस से मुक्ति पथ की ओर अग्रसरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका रूपेण काल सिद्ध होगा। 29 मार्च 2020 से 8 अप्रैल 2020 की तिथि विशेष रूपेण चरितार्य होगी , बुध की राशि में उच्चगत राहु विराजमान है तथा बुध पर्यावरण का कारक है तथा बुध वगरोत्ताम स्थिति में अर्थात कुम्भ राशि में विराजमान है। तथा कुम्भ राशि शनि की राशि है तथा शनि की दिशा पश्चिम है। तात्पर्य है की मेडिसिन वैक्सीन की खोज में भारत अथवा चीन के पश्चिम प्रांत दिशायुक्त निकटवर्ती देश ही शामिल होंगे।
तात्पर्य है की क्रमश: तिथि 23 मार्च 2020 ,29 मार्च 2020 ,23 अप्रैल 2020 ,30 जून २०२० तक व्यतीत काल के सापेक्ष कोरोना वायरस के कहर की तीव्रता क्रमशः ही कम होती जाएगी तथा उपचार की प्रावधि हम सभी के समक्ष प्रस्तुत रहेगी एवं 30 जून से 23 सितम्बर 2020 तक पुनशच गुरु धनु राशि से गोचरीय परिभ्रमित करते हुए गुरु चाण्डाल योग का निर्माण करेगा तथापि डरने की आवश्यकता नहीं रहेगी क्यूंकि उच्च मंगल और शनि की युति अपना कार्य कर चुके होंगे एवं वैक्सीन का कार्य पूरा हो चूका होगा। फिर भी पुरे विश्व परिदृश्य के सापेक्ष कोरोना वायरस से पूर्ण मुक्ति काल की पूर्णता 23 सितम्बर 2020 तक का इंतज़ार करना पड़ेगा।
ज्योतिष
प्रमिल चतुर्वेदी
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