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महामृत्युंजय जाप से दूर होता है अकाल मृत्यु का भय

My Jyotish Expert Updated 19 Mar 2020 12:06 PM IST
महामृत्युंजय मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
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महामृत्युंजय के जप से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस मंत्र का पाठ करने से अकाल मृत्यु (असमय मौत ) का भय भी नष्ट हो जाता है। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र के प्रभाव से बड़े से बड़ा रोग दूर हो जाता है, इसकी शक्तियों का वर्णन कई पुराणों में मिलता है। जिस भी व्यक्ति को लम्बी उम्र पाने की इच्छा हो, उसे नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मंत्र भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है इसलिए इसका जप करने वालों की सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण होती है।


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महामृत्युंजय मंत्र के जप से कभी भी धन संपत्ति से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं। इस मंत्र के महादेव को प्रिय होने के कारण मंत्र उच्चारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में शिव कभी भी धन-धान्य से जुड़ी दिक्कतों का वास नहीं होने देते। इस मंत्र से ना सिर्फ व्यक्ति निर्भय और निर्भीक बनता है बल्कि उसकी बीमारियों का भी नाश होता है। सामूहिक तौर पर इस मंत्र का जप करने से इसका असर और भी बढ़ जाता है।

इस मंत्र के जप से मनुष्य को समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है। उसकी मान प्रतिष्ठा बनी रहती है तथा सभी उसके काम को सम्मान देते हैं व सराहना करते हैं। वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है। स्वस्थ जीवन व सम्मान की चाह रखने वाले व्यक्ति को प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत ही ध्यान से करना चाहिए क्योंकि इसमें हुई एक गलती भी बहुत भारी पड़ सकती है। मंत्र उच्चारण के लिए एक निश्चित संख्या आवश्यक है जिसे धीरे धीरे करके बढ़ाया जा सकता है परन्तु इसको कम करना सही नहीं माना जाता है। इस मंत्र का उच्चारण धीरे स्वर में किया जाता है जिसकी ध्वनि होठों से बाहर सुनाई न दे। जप के समय धूप -दीप जलाकर रखें। मंत्र का उच्चराण सदैव पूर्व दिशा की और मुख करके किया जाता है। जितने दिनों तक इस मंत्र का जप कर रहे हो, तब तक तामसिक भोजन से दूरी बनाए रखें। 

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