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कहां और कैसे बिठाएं गणपति, जाने बप्पा की मूर्ति से जुड़ी 10 बड़ी बातें
गणेश चतुर्थी पर बायीं या फिर दायीं सूंड़ वाले गणपति, किसकी पूजा करनी चाहिए? सभी संकटों से उबारने और मनोकामनाओं को पूरा करने वाले गजानन की मूर्ति से जुड़े सभी दुविधा को दूर करेंl आज हम आपको बताने जा रहे हैं गजानन की मूर्ति से जुड़े कुछ नियम और बातेंl हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा सभी दु:ख और दुर्भाग्य को दूर करके सुख और सौभाग्य को दिलाने वाली मानी गई है.
गणपति की पूजा के लिए भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी माना गया है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन विधि-विधान से पूजा करने पर गणपति शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा आशीर्वाद प्रदान करते हैं. यही कारण है कि इस पावन तिथि पर लोग अपने-अपने घर, आफिस और सोसायटी आदि में विधि-विधान से गणपति बप्पा की मूर्ति को बिठाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि गणपति की अलग-अलग मूर्तियों का अलग-अलग फल मिलता है. आइए भगवान गणेश की विभिन्न प्रकार की मूर्तियों का धार्मिक महत्व जानते हैंl
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गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा को अपने घर पर लाने से पहले इस बात को जरूर चेक कर लें कि मूर्ति खंडित या अधूरी न बनी हो. धार्मिक मान्यता के अनुसार गणपति की मूर्ति में चूहा, एक दंत, अंकुश, एक हाथ में मोदक प्रसाद और दूसरा हाथ वर मुद्रा में होना चाहिएl घर में पूजा करने के लिए बैठे हुए गणपति की उपासना अत्यंत ही शुभ मानी गई है, इसलिए अपने घर में हमेशा सिंहासन या किसी आसन पर बैठे हुए गणपति की मूर्ति खरीदेंl
सनातन परंपरा में बाईं और दायी तरफ सूंड़ वाली गणपति की मूर्ति का अपना एक अलग महत्व होता है. मान्यता है कि गणपति की बाईं तरफ सूंड़ लिए हुए मूर्ति में में चंद्रमा और दायीं तरफ सूंड़ लिए मूर्ति में सूर्य का वास होता हैl धार्मिक मान्यता है कि बायीं तरफ वाली सूंड वाली प्रतिमा की पूजा पर साधक की धन, करिअर, कारोबार, संतान सुख और दांपत्य सुख आदि से जुड़ी सभी कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैंl
दायींं ओर सूंड़ किए हुए गणपति को सिद्धिविनायक कहा जाता है. जिनकी पूजा करने पर साधक शत्रुओं पर विजय पाता है और उसके जीवन से जुड़ी सभी बाधाएं दूर होती हैंl वास्तु के अनुसार घर में गणपति की कभी भी 3, 5, 7 या 9 की संख्या में मूर्ति नहीं रखना चाहिए. इसकी बजाय आप चाहें तो 2, 4 या 6 जैसी सम संख्या में गणपति की मूर्तियां रख सकते हैंl
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वास्तु के अनुसार अपने घर में गणपति की मूर्ति बिठाते समय दिशा का विशेष ख्याल रखें और गणपति को ईशान कोण में साफ-सुथरे पवित्र स्थान पर स्थापित करेंl घर में गणपति की मूर्ति को इस तरह बिल्कुल न रखें, जिसमें वे घर की बाहर की तरफ देख रहे हों, बल्कि उसे कुछ इस तरह से रखें जिसमें वे घर के भीतर देख रहे हैं.ऐसा करते समय इस बात का भी ख्याल रखें कि उनकी पीठ न नजर आएl
यदि आप किसी ऐसे स्थान पर हैं जहां पर गणपति की मूर्ति न मिल पाए तो आप अपने घर में सुपारी के गणेश बनाकर भी उनकी पूजा करके शुभ फल की प्राप्ति कर सकते है वास्तु शास्त्र के अनुसार गणपति की मूर्ति सभी प्रकार के वास्तु दोष को दूर करने वाली मानी गई है. वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर गणपति की आगे और ठीक पीछे मूर्ति लगाने से घर से जुड़े तमाम तरह के दोष दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का वास बना रहता हैl
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