myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   When will the last Pradosh fast of the month of August, know the method of worship and auspicious time

Pradosh Vrat:कब पड़ेगा अगस्त महीने का आखिरी प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Myjyotish Expert Updated 22 Aug 2022 10:39 PM IST
कब पड़ेगा अगस्त महीने का आखिरी प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
कब पड़ेगा अगस्त महीने का आखिरी प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त - फोटो : Google
विज्ञापन
विज्ञापन

कब पड़ेगा अगस्त महीने का आखिरी प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त


प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता की उपासना की जाती है। इस दिन महादेव की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि और धन धान की कभी भी कमी नहीं होती है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की उपासना करने से सारे कष्टों , दिक्कतों और पाप जैसी दिक्कतों से राहत मिल जाती है। इस दिन भगवान श्री गणेश की भी पूजा की जाती है। ऐसा कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करने से जीवन की हर मुश्किल खत्म हो जाती है। प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को  रखा जाता है।

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को अगस्त का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जायेगा। तात्पर्य भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत 24 अगस्त दिन बुधवार को रखा जाएगा। दिन बुधवार होने की वजह से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। प्रदोष व्रत के बारे में मान्यता है कि इसे विधि-विधान से करने पर साधक को औघढ़रदानी भगवान शिव के साथ माता पार्वती की कृपा भी प्राप्त होती है। आइए प्रदोष व्रत की कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।

आज ही करें बात देश के जानें - माने ज्योतिषियों से और पाएं अपनीहर परेशानी का हल

बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि 24 अगस्त 2022 दिन बुधवार को प्रात:काल 8:30 मिनट से लेकर 25 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को प्रात:काल 10:37 मिनट तक रहेगी, जबकि प्रदोष काल 24 अगस्त को सायंकाल 6:52 मिनट से रात्रि 9:04 मिनट तक है। इस तरह लगभग 2 घंटे तक रहने वाले प्रदोष काल में शिव साधक अपनी पूजा कर सकेंगे। चूंकि दिन विशेष पर पड़ने वाले प्रदोष व्रत का नाम उसी के नाम पर पड़ता है, ऐसे में यह बुध प्रदोष व्रत कहलाएगा।

बुध प्रदोष व्रत की पूजा विधि

जो भी व्यक्ति प्रदोष व्रत रखता है, उस दिन सुबह उठकर स्नान करके सूर्य देव को सबसे पहले जल अर्पित करें। उसके बाद भगवान शिव के लिए रखे जाने वाले प्रदोष व्रत को करने का संकल्प ले कर भगवान शिव का विधि विधान से पूजा पाठ करें। इस दिन जो भी व्यक्ति उपवास रख रहे हैं वो दिन में ना सोएं। पूरे दिन ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
इसके बाद शाम के समय प्रदोष की विशेष शिव पूजा करने से पहले एक बार फिर स्नान करना चाहिए। शाम के समय में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करते हुए प्रदोष व्रत की कथा का पाठ और आरती करें। उसके बाद अधिक से अधिक लोगों को प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें। 

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

प्रदोष व्रत 2022 की आगामी तिथियां

08 सितंबर 2022, दिन गुरुवार — गुरु प्रदोष व्रत

23 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार — शुक्र प्रदोष व्रत

07 अक्टूबर 2022, दिन शुक्रवार — शुक्र प्रदोष व्रत

22 अक्टूबर 2022,दिन शनिवार — शनि प्रदोष व्रत

05 नवंबर 2022,दिन शनिवार — शनि प्रदोष व्रत

21 नवंबर 2022, दिन सोमवार — सोम प्रदोष व्रत

05 दिसंबर 2022, दिन सोमवार — सोम प्रदोष व्रत

21 दिसंबर 2022, दिन बुधवार — बुध प्रदोष व्रत

ये भी पढ़ें

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
X