कब पड़ेगा अजा एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व
एकादशी का व्रत हर माह रखा जाता है। यह उपवास बहुत फलदायी माना जाता है।मान्यता के अनुसार, अजा एकादशी व्रत से मनुष्य के समस्त प्रकार के पापों का नाश हो जाता है। जो भी व्यक्ति अजा एकादशी व्रत करता है, वह इस लोक में सुख भोगकर अंत में विष्णु लोक में पहुंच जाता है।
हिंदू धर्म में प्रत्येक माह में दो बार यानि कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की पूजा, जप एंव व्रत आदि के लिए अत्यंत ही शुभ और शीघ्र फलदायी माना गया है।अजा एकादशी को करने पर साधक को कई बड़े तीर्थों के सेवन का पुण्यफल एक साथ मिल जाता है इसके साथ भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।आइए जानते है अजा एकादशी कुछ जरूरी बातें :–
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अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त
भगवान विष्णु की कृपा बरसाने वाली एकादशी तिथि 22 अगस्त 2022 दिन सोमवार को पूर्वाह्न 3:35 मिनट से प्रारंभ होकर 23 अगस्त 2022 दिन मंगलवार को प्रात:काल 6:06 मिनट तक रहेगी।एकादशी व्रत को सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक रखा जाता है और व्रत का संपूर्ण फल पाने के लिए विधि-विधान के साथ उपवास रखने के बाद अगले दिन सूर्योदय के बाद शुभ समय में उसका पारण किया जाता है।
पंचांग के अनुसार अगस्त माह में पड़ने वाला अजा एकादशी व्रत 23 अगस्त 2022 दिन मंगलवार को रखा जाएगा और उसका पारण 24 अगस्त 2022 को प्रात:काल 5:55 मिनट से 8:30 मिनट तक किया जा सकेगा।
अजा एकादशी व्रत पूजा विधि
एकादशी व्रत करने के एक दिन पहले ही एकादशी व्रत नियम लग जाते है।कहने का तात्पर्य एक दिन पूर्व से चावल नहीं खाना चाहिए। वहीं व्रत वाले दिन सुबह स्नान-ध्यान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें,उसके बाद भगवान विष्णु की पूजा को पीले पुष्प, पीले वस्त्र, पीले फल और पीली मिठाई चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए।इसके बाद अजा एकादशी व्रत की कथा कहें,फिर भगवान विष्णु को भोग लगाएं,अंत में आरती करें। उसके बाद जो भगवान को भोग लगा है,वो अधिक से अधिक लोगों को प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें।
अजा एकादशी व्रत कथा
पौराणिक मान्यता के अनुसार एक समय में हरिशचंद्र नाम के एक चक्रवर्ती राजा ने किसी कारणवश अपना राजपाट छोड़-छाड़ दिया और परिवार समेत एक चांडाल के यहां काम करने लगा। जहां पर तमाम दु:खाें को भोगता हुआ एक दिन जब वह इससे मुक्ति पाने की चिंता में खोया हुआ था।
तभी उधर से गौतम ऋषि गुजरे , तब राजा ने उन्हें प्रणाम करके अपने दुखों से मुक्ति पाने का उपाय पूछा। तब गौतम ऋषि ने उस राजा को भाद्रपद माह में पड़ने वाली अजा एकादशी व्रत को करने के लिए कहा। जिसके बाद राजा ने विधि-विधान से इस पावन व्रत को किया। जिसके पुण्यफल से न सिर्फ उसके सभी दु:ख दूर हुए बल्कि उसका खोया हुआ राजपाट भी मिल गया।
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साल 2022 में कब-कब पड़ेगा एकादशी व्रत
6 सितंबर 2022, दिन मंगलवार परिवर्तिनी एकादशी व्रत है।
21 सितंबर 2022, दिन बुधवार इन्दिरा एकादशी व्रत है।
6 अक्तूबर 2022, दिन गुरुवार पापांकुशा एकादशी व्रत है।
21 अक्तूबर 2022, दिन शुक्रवार रमा एकादशी व्रत है।
4 नवंबर 2022, शुक्रवार देवोत्थान एकादशी व्रत है।
20 नवंबर 2022, दिन रविवार उत्पन्ना एकादशी है।
3 दिसंबर 2022, दिन शनिवार मोक्षदा एकादशी है।
19 दिसंबर 2022, दिन सोमवार सफला एकादशी व्रत है
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