कब पड़ेगी नागपंचमी और किस मुहूर्त में पूजा करने पर मिलेगा नाग देवता का आशीर्वाद
हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा की जाती है। उनमें से नाग देवता की भी पूजा होती है।पंचाग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस दिन घर की सुख समृद्धि और शांति के लिए औरते पूजा पाठ करती हैं।पौराणिक कथाओं के अनुसार नगाधिराज वासुकी इस पृथ्वी के मूल आधार है। इसी लिए शास्त्रों में नाग देवता की पूजा की जाती है। इनका एक दिन भी निश्चित किया गया है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता के रूप में सर्प की पूजा की जाती है। इस दिन नाग देवता को दूध से स्नान कराया जाता है।कही कही नाग देवता को दूध भी पिलाया जाता है।
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आइए जानते है की कैसे नाग देवता की पूजा करे की उनका आशीर्वाद प्राप्त हो।
नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त
साल 2022 में नागपंचमी 2 अगस्त की तिथि में पूरा दिन और पूरी रात रहेगी।पंचमी तिथि को सुबह 5:43 से शुरू होकर अगले दिन (3 अगस्त) शाम में 5: 43 तक रहेगा। लेकिन नागपंचमी के दिन नाग देवता का पूजा का सबसे उत्तम समय 5:43 से 8:25 के बीच का समय है।इस साल बहुत ही उत्तम योग बन रहा है। नाग पंचमी के दिन शिव योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा जो अत्यंत ही शुभ माना जाता है।
नाग पंचमी की पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहने। पूजा करने के बाद नाग पंचमी व्रत का संकल्प ले कर पूरे सच्चे मन से , विधि विधान से नाग देव की पूजा अर्चना करें। इस दिन चौकी पर नाग देवता चित्र मिट्टी या चांदी का नाग रख कर दूध और जल से स्नान कराएं। इसके बाद इन्हें पुष्प, हल्दी, रोली, अक्षत आदि अर्पित करें। इसके बाद कच्चे दूध में चीनी मिलाकर नाग देवता को भोग लगाएं और उनके मंत्र का पाठ करें। उसके बाद अंत में नाग देवता की की आरती करें। हर जगह नाग पंचमी पूजा अपने परंपराओं के अनुसार करते है। जिसके वहां जैसी परम्परा वैसी ही नाग देवता की पूजा होता है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नाग पंचमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। आप इस दिन सिर्फ एक बार भोजन कर सकते है। पंचमी के दिन पूरे विधि विधान से नाग देव की पूजा करें।
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती ह
नाग पंचमी का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व
हिंदू धर्म में नाग देवता की पूजा करना सुख समृद्धि प्रदान करने वाला त्योहार मना गया है। नाग देवता की पूजा करना मतलब शत्रुओं पर विजय प्राप्त करना है। नाग पंचमी के दिन पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा करने से आपकी कुंडली में लगा सर्प दोष दूर होता साथ ही सर्पदंश का भय नहीं रहता है।
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